Coronavirus Update: इटली से लौटे युवक ने आइसोलेशन में जाने से किया इनकार, पुलिस ने भेजा रिम्स
Coronavirus Jharkhand. युवक दो दिन पूर्व ही इटली से अपने गांव लौटा था। इसकी जानकारी ग्रामीणों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी संजीव कुमार को दी थी।
बुढ़मू (रांची), जासं। इटली से आए एक 24 वर्षीय युवक की सीएचसी बुढ़मू में जांच की गई। डॉक्टर संतोष कुमार ने युवक की जांच कर 14 दिनों के लिए उसे होम आइसोलेशन में रखने का निर्देश दिया। डॉक्टर ने कहा कि वह युवक इटली से भारत अपने देश लौटा है। लेकिन, संक्रमण की पुष्टि नही हुई है। फिर भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उसे 14 दिन होम आइसोलेशन में रखने का निर्णय लिया गया है।
उक्त युवक को रिम्स आइसोलेशन में भेजा जा रहा था, परन्तु उसने जाने से इन्व्कार कर दिया। इस दौरान बुढ़मू थाना प्रभारी सिधेश्वर महथा से युवक की बहस भी हुई। ज्ञात हो कि युवक के दो दिन पूर्व इटली से आने की खबर ग्रामीणों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी संजीव कुमार को दी थी। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रखंड विकास पदाधिकारी बुढ़मू संजीव कुमार, अंचलाधिकारी बुढ़मू मधुश्री मिश्रा, सीएचसी प्रभारी बुढ़मू संतोष कुमार, बुढ़मू थाना प्रभारी सिधेश्वर महथा टीम बना कर युवक के गांव पहुंचे और उसे सीएचसी बुढ़मू लाए।
यहां उसकी जांच की गई। ज्ञात हो कि कोरोना वायरस की गंभीरता को देखते हुए मुख्यालय सहित प्रखंड के अधिकारी पूरी तरह सजग हैं। इधर, युवक का कहना था कि मेरी कोलकाता व रांची में जांच हुई है। वहां पर कुछ नहीं निकला है, तो मैं आइसोलेशन के लिए रिम्स क्यों जाऊं।
इटली से आने के बाद युवक केवल अपने घर के परिवार वालों से मिला। उसे परिवार वालों ने घर में ही एक अलग कमरे में रहने की व्यवस्था कर दी। उसके आने की सूचना मिलते ही ग्रामीण सर्तक थे।
रिम्स में ओपीडी में कम हुई मरीजों की संख्या, इमरजेंसी के बाहर से हटाई गई कुर्सियां
राजधानी रांची के रिम्स के पेइंग वार्ड में कोरोना वायरस के छह संदिग्ध भर्ती हैं। अभी यह नहीं पता कि उनका रिपोर्ट निगेटिव आएगा या पॉजिटिव। इसे देखते हुए एहतियात के तौर पर रिम्स प्रबंधन ने सभी मरीजों से अपील की है कि जब तक कोरोना का खतरा कम या खत्म ना हो जाए तब तक वे छोटी बीमारियों के लिए रिम्स का चक्कर कम लगाएं। रिम्स प्रबंधन ने लंबे समय से भर्ती मरीज, जो ठीक हो चुके हैं, उनकी काउंसलिंग कर छुट्टी देने का निर्देश विभागाध्यक्षों को दिया है।
कोरोनावायरस के खौफ ने रिम्स के ओपीडी में आधा से ज्यादा मरीजों की संख्या कम कर दी है। जहां एक दिन में 1500 से 2000 मरीज इलाज के लिए रिम्स पहुंचते थे। वहीं बीते एक सप्ताह से औसतन 500 से 700 मरीज पहुंच रहे हैं। बताते चलें कि रिम्स प्रबंधन कोरोना वायरस को लेकर लगातार सक्रिय है और इससे निपटने के लिए सभी चिकित्सक लगातार प्रयास में लगे हैं।
सचिवालय के सभी भवनों में थर्मल स्कैनर
इधर, झारखंड सरकार ने सचिवालय के सभी भवनों प्रोजेक्ट भवन नेपाल हाउस इत्यादि पर थर्मल स्कैनर लगाने का निर्देश दिया है। सभी भवनों के प्रवेश द्वारों पर सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी। अराजपत्रित कर्मचारियों को अल्टरनेट सप्ताह में आने की व्यवस्था होगी जबकि राजपत्रित कर्मचारियों की संख्या 50 फीसद से अधिक नहीं होगी। सभी सरकारी कार्यालयों नगर निकायों और स्वायत्तशासी संस्थानों में भी यह आदेश लागू होगा। विश्वविद्यालय के कार्यालय वगैरह भी इस आदेश से प्रभावी होंगे। कोरोना के प्रसार को रोकने और आपातकालीन सेवाओं से जुड़े संस्थानों पर यह आदेश लागू नहीं होगा। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए पहाड़ी मंदिर में आम श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश शनिवार से वर्जित कर दिया गया है।
शुक्रवार को आठ और लोगों की हुई जांच
कोरोना की जांच के लिए शुक्रवार को आठ और लोगों के स्वाब के सैंपल जांच लिए भेजे गए। इस तरह, अबतक 53 लोगों की जांच हुई है, जिनमें 40 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। तेरह लोगों की जांच रिपोर्ट आना बाकी है। झारखंड में अभी तक कोरोना का एक भी मरीज नहीं मिला है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, शुक्रवार को रिम्स, रांची तथा एमजीएम जमशेदपुर से चार-चार सैंपल जांच को लिए गए। विभाग के अनुसार चीन, इटली व अन्य देशों से लौटे अबतक 344 लोगों पर निगरानी रखी जा रही है। इन्हें 28 दिनों के आइसोलेशन में अपने घर में ही रहने का सुझाव दिया गया है। इनमें से 110 लोगों का 28 दिनों का आइसोलेशन पीरियड खत्म हो गया है।
234 लोग अभी भी आइसोलेशन में हैं। बता दें कि अभी तक 20 राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के मरीज मिल चुके हैं। झारखंड के पड़ोसी राज्य बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ तथा उत्तर प्रदेश में भी कोरोना के कोई न कोई मरीज मिले हैं। बिहार ही अभी तक इससे बचा हुआ है। झारखंड के पड़ोसी राज्यों में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में इसके मरीज मिले हैं।