अब सीनियर को नजरअंदाज कर छुट्टी नहीं ले सकेंगे IPS अधिकारी
कई आइपीएस अधिकारियों ने सीनियर से अनुमति लिए बगैर सीधे गृह विभाग से छुट्टी ले ली थी। अगर उन्होंने ऐसा किया तो इसे अनुशासनहीनता मानी जाएगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में तैनात भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अपने सीनियर को नजरअंदाज कर सीधे गृह विभाग से छुट्टी नहीं ले पाएंगे। अगर उन्होंने ऐसा किया, तो इसे अनुशासनहीनता मानी जाएगी। इससे संबंधित आदेश शीघ्र ही पुलिस मुख्यालय जारी करेगा।
ऐसी शिकायतें अक्सर मिलती हैं कि कुछ आइपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी पुलिस मुख्यालय या अपने सीनियर अधिकारी को बताए बगैर सीधे गृह विभाग से छुट्टी की मंजूरी लेते हैैं। ऐसी शिकायतों के बाद इसकी समीक्षा की गई, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है कि आइपीएस अधिकारियों को भी नियम के अनुरूप ही अवकाश की स्वीकृति दी जाएगी।
नियम है कि अपने सीनियर को यह बताना होगा कि उनकी उपस्थिति में रूटीन कार्य कौन निष्पादित करेंगे और अवकाश की अवधि में उनका मोबाइल नंबर क्या होगा। ऐसे पदाधिकारी आकस्मिक अवकाश या मुख्यालय छोडऩे की स्वीकृति के लिए आवेदन निर्धारित प्राधिकार के सामने ही उपस्थित करेंगे। आइपीएस अधिकारी का अवकाश से संबंधित आवेदन पुलिस मुख्यालय के माध्यम से गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को दिया जाएगा। गृह विभाग इस मामले पर मुख्य सचिव से स्वीकृति प्राप्त करेगा।
कौन किससे छुट्टी लेने के लिए है अधिकृत
- जिले में पुलिस अधीक्षक के नियंत्रणाधीन पद पर पदस्थापित अधिकारी : एसपी से।
- जिलों में पदस्थापित एसपी : डीआइजी से।
- डीआइजी : आइजी/एडीजी से।
- आइजी/एडीजी : डीजीपी से।
- विभागों में पदस्थापित आइजी, एडीजी या अन्य आइपीएस अधिकारी : विभागीय सचिव/प्रधान सचिव/अपर मुख्य सचिव।
- महानिदेशक स्तर के पदाधिकारी : मुख्य सचिव (गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड रांची के माध्यम से)।