विवादों में रहे IPS अनुराग गुप्ता निलंबित, भाजपा के पक्ष में काम करने का लगा था आरोप
Jharkhand. राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगा था। गृह विभाग ने कार्रवाई की फाइल मुख्यमंत्री को भेजी थी।
रांची, राज्य ब्यूरो। भारतीय पुलिस सेवा के झारखंड कैडर के 1990 बैच के अधिकारी अनुराग गुप्ता को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। वे अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) के पद पर तैनात थे। उनके खिलाफ राज्यसभा चुनाव-2016 में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के लिए बड़कागांव की तत्कालीन कांग्रेस विधायक निर्मला देवी को लालच देने और उनके पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को धमकाने का आरोप है।
गृह विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। पद से हटाते हुए उन्हें पुलिस मुख्यालय में योगदान करने का आदेश जारी किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें सिर्फ जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा बताया है। एडीजी अनुराग गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई से संबंधित फाइल मुख्यमंत्री को भेजी गई थी, जिसपर मुख्यमंत्री ने सहमति दे दी है।
एडीजी अनुराग गुप्ता को भाजपा के पक्ष में काम करने के आरोप में गत वर्ष लोकसभा चुनाव के पूर्व एक अप्रैल को भारत निर्वाचन आयोग के आदेश पर राज्य से बाहर जाने का आदेश दिया गया था। उन्हें एडीजी विशेष शाखा के पद से भी हटा दिया गया था। लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने झारखंड में योगदान दिया। उसके बाद तत्कालीन सरकार ने उन्हें सीआइडी के एडीजी पद पर तैनात किया।
क्या है पूरा मामला
राज्यसभा चुनाव में वोट के लिए धमकाने के आरोप में एडीजी अनुराग गुप्ता व पूर्व सीएम रघुवर दास के राजनीतिक सलाहकार अजय कुमार पर जगन्नाथपुर थाना में 29 मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज हुई थी। उनपर आरोप है कि वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने के लिए कांग्रेस की विधायक निर्मला देवी को पैसे का लालच दिया था।
विधायक को धमकी देने का भी उनपर आरोप है। राज्यसभा चुनाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने संवाददाता सम्मेलन कर इससे संबंधित ऑडियो-वीडियो सीडी जारी की थी। उन्होंने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी। गड़बड़ी की शिकायत की जांच के बाद 13 जून 2017 को आयोग ने अनुराग गुप्ता के खिलाफ एफआईआर और विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्देश दिया था।
जनवरी 2018 में राज्य सरकार ने आयोग से इस मामले में पुनर्विचार करने को कहा था। आयोग ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और पूर्व के निर्देश के अनुपालन की हिदायत दी थी। इसके बाद ही मुख्यमंत्री ने स्वीकृति देते हुए प्राथमिकी का आदेश दिया था। सरकार की स्वीकृति के बाद ही मुख्यमंत्री के तत्कालीन राजनीतिक सलाहकार अजय कुमार तथा एडीजी अनुराग गुप्ता पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
घेरे में आ सकते हैं पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार
एडीजी अनुराग गुप्ता पर कार्रवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के राजनीतिक सलाहकार अजय कुमार पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। अनुराग गुप्ता के साथ उनपर भी इस मामले में संलिप्तता का आरोप है।