बिना आयुक्त का हुआ राज्य सूचना आयोग, ब्यूरोक्रेसी पर संगीन आरोप- आयोग का अस्तित्व मिटाना चाहते हैं अधिकारी
कार्यवाहक मुख्य सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी आज सेवानिवृत्त हो जाएंगे। झारखंड राज्य सूचना आयोग में आज से तालाबंदी की स्थिति हो जाएगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड राज्य सूचना आयोग आज से बिना आयुक्त का हो गया है। अब सूचना आयुक्त कार्यालय में अगली नियुक्ति तक कोई सुनवाई नहीं हो सकेगी। कार्यवाहक मुख्य सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी शुक्रवार को रिटायर हो गए हैं। उन्होंने झारखंड की ब्यूरोक्रेसी पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि ब्यूरोक्रेसी नहीं चाहती कि कोई सूचना आयोग हो। मेरी नियुक्ति भी ब्यूरोक्रेसी नहीं होने दे रही थी। यह नहीं होना चाहिए। यह स्थिति सिर्फ झारखंड में नहीं, पूरे देश में है।
कार्यवाहक मुख्य सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी ने धुर्वा के जैप आईटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि भ्रष्टाचार उजागर करने के लिए सूचना आयोग का मजबूत होना जरूरी है। 5 साल में सरकार का ध्यान नहीं होने के बावजूद मैंने बेहतर प्रदर्शन किया है। सेवानिवृत्त होने के मौके पर सरकार और ब्यूरोक्रेसी पर खुलकर बोलते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारी आयोग को मजबूत होता नहीं देख सकते हैं। जबकि मैंने अपने कार्यकाल में राज्य सूचना आयोग को पारदर्शी बनाने की पूरी कोशिश की। अपने सुनवाई कक्ष में सीसीटीवी कैमरा लगवाया ताकि कोई पक्षपात का आरोप न लगा सके। राज्यपाल को भी अपने 5 साल के कार्यों का लेखा जोखा दे दिया है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी चाहता है कि अपील की सुनवाई के दौरान उसपर जुर्माना लगे। जुर्माना देने के बाद वह केस से बरी हो जाएगा। मैंने सुनवाई के दौरान सूचना देने पर जोर दिया। बहरहाल, सूचना आयोग में आज से तालाबंदी की स्थिति हो जाएगी।