Move to Jagran APP

विधानसभा नियुक्ति घोटाला पर नामधारी बोले, अभी कुछ नहीं बोलेंगे; समय पर अपनी बातें रखेंगे

इंदर सिंह नामधारी की तरह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम भी विधानसभा नियुक्ति घोटाले पर ज्यादा बोलना नहीं चाहते।

By Sandeep KumarEdited By: Published: Wed, 25 Jul 2018 01:51 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 05:21 PM (IST)
विधानसभा नियुक्ति घोटाला पर नामधारी बोले, अभी कुछ नहीं बोलेंगे; समय पर अपनी बातें रखेंगे
विधानसभा नियुक्ति घोटाला पर नामधारी बोले, अभी कुछ नहीं बोलेंगे; समय पर अपनी बातें रखेंगे

रांची, प्रदीप सिंह। झारखंड के राजनीतिक गलियारे में विधानसभा नियुक्ति घोटाले की रिपोर्ट ने तूफान मचा रखा है। तीन पूर्व विधानसभा अध्यक्षों पर कार्रवाई की अनुशंसा समेत अफसरों पर एक्शन की एक सदस्यीय न्यायिक आयोग की सिफारिश के बाद जल्द ही इनपर कानूनी शिकंजा कसेगा। आयोग की 600 पन्नों से ज्यादा की रिपोर्ट में सिलसिलेवार अनियमितताओं का जिक्र है। लेकिन राज्य के पहले विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी इससे इत्तफाक नहीं रखते। वे फिलहाल इस मामले पर कुछ बोलना भी नहीं चाहते।

loksabha election banner

उनका कहना है कि अभी जिन माध्यमों से सूचनाएं आ रही हैं वह अस्पष्ट है। बकौल नामधारी- वे तेल और तेल की धार देख रहे हैं। पूरा खुलासा होने के बाद वे राजधानी में स्वयं मीडिया से रूबरू होंगे। वे टू द प्वाइंट अपनी बातें रखेंगे। हालांकि उन्होंने लगाए जा रहे आरोपों को निराधार करार देते हुए यह भी कहा कि उन्होंने ढेर सारे पत्राचार इन मामलों को लेकर किए हैं, जिसे वे सबके समक्ष रखेंगे।

हमने किया विधानसभा मैनुअल के तहत काम: आलमगीर
इंदर सिंह नामधारी की तरह पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम भी इस मामले पर ज्यादा बोलना नहीं चाहते। हालांकि उनका दावा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। जितनी नियुक्तियां उनके कार्यकाल में हुईं उसमें विधानसभा के मैनुअल 2003 का पूरी तरह पालन किया गया। फिलहाल आलमगीर आलम कांग्र्रेस विधायक दल के नेता है। उनके मुताबिक रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। बगैर जानकारी के वे किसी पर ऊंगली उठाना नहीं चाहते। उन्होंने बताया कि वे पूर्व में न्यायिक आयोग की नोटिस का लिखित जवाब पत्र के माध्यम से दे चुके हैं। आयोग ने अगर जांच रिपोर्ट सौंपी है तो दूध का दूध, पानी का पानी होना चाहिए। उनकी कोई गलती नहीं है।

जानें, क्या है मामला
-विधानसभा में बड़े पैमाने पर हुई नियुक्तियों में भारी पैमाने पर अनियमितता।
-आरोपों के घेरे में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी, आलमगीर आलम और शशांक शेखर भोक्ता।
-राजभवन के आदेश पर राज्य सरकार ने गठित की रिटायर जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद के नेतृत्व में आयोग।
-आयोग ने लंबी जांच और सुनवाई प्रक्रिया के बाद राजभवन को सौंपी है रिपोर्ट।
-रिपोर्ट में कार्रवाई की अनुशंसा, इसके आलोक में राज्य सरकार एक्शन लेने की तैयारी में।

सीधी बात : इंदर सिंह नामधारी
सवाल-आपके खिलाफ अनियमितताएं बरतने का आरोप है?
उत्तर-जिन माध्यमों से सूचनाएं आ रही है वह अस्पष्ट है।
सवाल- कार्रवाई की अनुशंसा न्यायिक आयोग ने की है।
उत्तर : आधिकारिक तौर पर बातें आने दीजिए। मैं खुद टू द प्वाइंट बाते रखूंगा।
सवाल - पहले इससे जुड़ी कोई जानकारी आपसे मांगी गई है?
उत्तर: हमने ढेर सारे पत्राचार किए हैं। सबसे सामने उन बातों को रखेंगे। रांची में प्रेस कांफ्रेंस कर अपना पक्ष सार्वजनिक करेंगे।
सवाल : जो आरोप लगें हैं उनमें कितना दम है?
उत्तर : बिल्कुल निराधार है। जबतक आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट नहीं आती, तबतक कुछ भी कहना ठीक नहीं।

सीधी बात : आलमगीर आलम
सवाल : आप स्पीकर के पद पर रहे और नियुक्तियों में अनियमितता की?
उत्तर : जबतक सरकार रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करती, तबतक मैं कुछ भी नहीं कह सकता।
सवाल : नियम विरूद्ध काम हुए थे क्या?
उत्तर : सारे काम विधानसभा नियुक्ति मैनुअल के हिसाब से हुए। कहीं कोई अनियमितता नहीं हुई।
सवाल : यानी आरोपों में कोई सत्यता नहीं है।
उत्तर : सरकार रिपोर्ट सार्वजनिक करे। अभी तक अपुष्ट बातें सामने आ रही है।
सवाल : आप क्या चाहते हैं कि कार्रवाई हो?
उत्तर : सरकार रिपोर्ट सामने लाए। जांच से हम कहां भागे। नोटिस भेजकर पूछने पर लिखित जवाब भेजा। निष्पक्षता से काम होगा तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.