Railway News: चलती ट्रेन में युवक पर एसिड अटैक, हाई कोर्ट ने रेलवे से मांगा जवाब...
Railway News Jharkhand News चलती ट्रेन में एक युवक पर एसिड अटैक के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने रेलवे को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। प्रार्थी ने कोर्ट को बताया कि मुकेश कुमार पर एसिड अटैक रेलवे की लापरवाही से हुई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। Railway News, Jharkhand News झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में ट्रेन में सफर के दौरान साहेबगंज के पास गुमानी रेलवे स्टेशन पर एसिड अटैक के शिकार युवक मुकेश कुमार सोनी को मुआवजा देने के मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में प्रतिवादी ईस्ट सेंट्रल रेल डिविजन, धनबाद को नोटिस जारी किया है और रेलवे से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अनुप कुमार अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि मुकेश कुमार पर एसिड अटैक की घटना रेलवे की लापरवाही से हुई है।
ट्रेन में तेजाब ले जाना प्रतिबंधित है, इसके बाद भी कोई व्यक्ति रेल में एसिड लेकर चलता है तो इसे रोकने की जिम्मेवारी रेलवे की है। रेलवे की लापरवाही से युवक एसिड अटैक का शिकार हुआ इसलिए मामले में रेलवे को भी मुआवजा देना चाहिए। इससे पूर्व सुनवाई के दौरान झालसा की ओर से शपथ पत्र दाखिल कर बताया गया सरकार की योजना के तहत पीड़ित युवक को तीन लाख मुआवजा देने का निर्णय हुआ है।
प्रार्थी को उक्त राशि दे दी गई है। बता दें कि युवक मुकेश कुमार 26 जून 2016 को शिवनारायणपुर से पाकुड़ ट्रेन से सफर कर रहा था। इसी दौरान हगन शाह नामक एक व्यक्ति ने उसपर गुमानी रेलवे स्टेशन के करीब उसके चेहरे एसिड फेंक दिया, जिससे उसका एक कान जल गया है। इस घटना को लेकर बरहरवा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
मामले में सरकार की पीड़ित मुआवजा योजना के तहत डालसा ने पीड़ित को मुआवजा के लिए कागजातों के साथ 26 अगस्त 2016 को बुलाया गया था। लेकिन पीड़ित की ओर से संबंधित कागजात जमा करने के बाद भी तीन लाख रुपये का मुआवजा नहीं मिल पाया था। जिसके बाद प्रार्थी ने दिसंबर 2020 में हाई कोर्ट में मुआवजा के लिए याचिका दाखिल की थी।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए कल से हाई कोर्ट में कम केस की होगी सुनवाई
कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार से अदालत में कम मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाएंगे। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन ने कोर्ट में प्रतिदिन लगने वाली केस को कम करने का संकेत जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिया था। जिसके बाद हाई कोर्ट के सोमवार के कॉज लिस्ट में केस की संख्या कम कर दी गई है।
दरअसल, एडवोकेट एसोसिएशन की अध्य रितु कुमार ने केस कम लगाने का आग्रह चीफ जस्टिस से किया था। जिस पर चीफ जस्टिस ने निर्णय लेने की बात कही थी। सोमवार को सभी अदालतों में 15 से 20 केस सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं। वहीं जमानत याचिका और अग्रिम जमानत याचिका सुनने करने वाली हाई कोर्ट की बेंच 50- 50 केस सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं।