Big Issue: लद्दाख में कार्यरत मजदूरों की सुरक्षा की गारंटी दे केंद्र... झारखंड सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा
Jharkhand Government केंद्रीय रक्षा सचिव एवं नीति आयोग को पत्र लिख कर झारखंड के मुख्य सचिव ने मजदूरों के हित में एमओयू करने का आग्रह किया है। मालूम हो कि इस समय बड़ी संख्या में झारखंड के मजदूर लद्दाख में विभिन्न परियोजनाओं में काम कर रहे हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने एक बार फिर केंद्रीय रक्षा सचिव एवं नीति आयोग के विशेष सचिव को पत्र लिखकर बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन के तहत ऊंचे पठारी क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों की दुर्दशा एवं अनदेखी की ओर ध्यान दिलाया है। पिछले 2 वर्षों में झारखंड सरकार की ओर से यह तीसरा प्रयास है जब मजदूरों को शोषण से बचाने के लिए सरकार एमओयू साइन करवाना चाहती है।
कुछ माह पहले झारखंड के अधिकारी गए थे लद्दाख
कुछ महीनों पूर्व अक्टूबर में झारखंड से अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल लद्दाख गया था और वहां पर बीआरओ के प्रतिनिधियों एवं हिमांक और विजयाक परियोजनाओं के मुख्य अभियंताओं से मुलाकात कर मजदूरों के साथ हो रहे शोषण का मुद्दा उठाया था और इस मामले में एमओयू करने का आग्रह किया था। वहां प्रतिनिधिमंडल को बताया गया कि इस मसले पर कोई भी फैसला उच्च स्तर पर ही हो सकता है।
नीति आयोग के विशेष सचिव से हस्तक्षेप की मांग
नीति आयोग के विशेष सचिव के. राजेश्वर राव को संबोधित पत्र में मुख्य सचिव ने लिखा है कि आपके हस्तक्षेप से ही इस समस्या का निदान निकल सकता है। मुख्य सचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि हमें विश्वास है कि आप लद्दाख में मजदूरों के लिए जो विपरीत परिस्थितियां हैं उससे वाकिफ होंगे। झारखंड सरकार के लिए इन मजदूरों की सुरक्षा अहम है। राष्ट्रहित में मजदूरों के योगदान को देखते हुए इनकी सुरक्षा के लिए झारखंड सरकार बीआरओ के साथ एमओयू करना चाहती है ताकि भविष्य में कोई भी समस्या हो तो इसका निदान निकाला जा सके। इसके पहले बीआरओ एवं झारखंड सरकार के बीच टर्न आफ रेफरेंस संबंधित करार हो चुका है। इसके साथ ही झारखंड सरकार ने आग्रह किया था मजदूरों को ले जा रहे ठेकेदारों के साथ एक एमओयू किया जाए ताकि इन्हें बेहतर वातावरण और सुरक्षा की गारंटी दी जा सके। एक बार फिर झारखंड सरकार ने इसी प्रयास के तहत पत्र लिखा है।