राज्य में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, 4 की मौत
राज्य के अधिकतर जिलों में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन को अस्तव्यस्त कर दिया है।
जेएनएन, रांची। राज्य के अधिकतर जिलों में पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन को अस्तव्यस्त कर दिया है। गुरुवार को उत्तर प्रदेश में रिहन्द बांध से पानी छोडऩे के बाद सर्वाधिक खराब स्थिति पलामू प्रमंडल की हुई है। पलामू जिले में नदी पार कर रहे दो लोगों की मौत हो गई तो गिरिडीह के बिरनी में बारिश व तेज हवा के दौरान एक पेड़ मारुति वैन पर गिर गया, जिससे चालक की मौत हो गई, इसी तरह हजारीबाग में भी एक व्यक्ति की मौत हुई है।
पलामू में स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। आपात बैठक बुलाई गई। जिसमें प्रभारी उपायुक्त सह डीडीसी रविशंकर वर्मा ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। खतरनाक घाटों को चिन्हित कर गोताखोरों की टीम की तैनाती के निर्देश दिए गए।
पलामू में नावचाबाजार-सोहदाग सड़क तेज बारिश में बह गई। कई घर ध्वस्त हो गए तो आवागमन ठप हो गया है। गढ़वा के खरौंधी की राजी पंचायत 20 फीट सड़क बह गई। तो लातेहार के हेरहंज में 50 फीट तक सड़क धंस गई। इसी जिले के सरयू में बांध टूट गया तो जायत्री नदी पर बने पुल और बरवाडीह में धड़धड़ी नदी पर बने पुल के उपर से पानी बहने से आवागमन ठप हो गया है।
हजारीबाग में खंभवा डैम के पास बने सूर्यमंदिर में पानी घुस गया है तो कटकमदाग में क्षतिग्रस्त पुलिया के उपर से पानी बह रहा है।
बड़कागांव में काढ़तरी पुल का दो पाया पानी की तेज धार में बह गया। चतरा जिले में एक बार फिर बारिश ने कहर बरपाया है। यहां सैकड़ों घर व दर्जनों विशाल पेड़ धराशाई हो गए। कई पुल-पुलियों के साथ सड़क क्षतिग्रस्त हो गई । पुल के ऊपर नीलाजन नदी का पानी बह रहा है। यहां के सुदूरवर्ती सैकड़ों गांवों का संपर्क जिला एवं प्रखंड मुख्यालय से कट गया। इतना ही नहीं संपूर्ण जिला पिछले 18 घंटों से अंधकार में डूबा है। इसी तरह लोहरदगा में कोयल, शंख समेत अन्य पहाड़ी नदियां पूरे उफान पर हैं। पांच दर्जन गरीबों के आशियाने ध्वस्त हो गए। जमशेदपुर में स्वर्णरेखा और खरकई नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बागबेड़ा, सोनारी, कदमा, मानगो और कपाली में बाढ़ आ गई है। लगभग डेढ़ सौ घर पानी में डूब गए हैं।
बाढ़ आने से नदी किनारे रहने वाले लोगों में हाहाकार की स्थिति है। गुमला जिले के बिशुनपुर नदी पर बने पुल के ऊपर से पानी बह रहा है जिससे दर्जनों गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से भंग हो चुका है। धनबाद में बारिश के दौरान पेड़ गिरने से मुगमा में एक घर की दीवार ढह गई। घर के सदस्य बाल-बाल बच गये। बोकारो में बारिश व तेज हवा के कारण दर्जनों पेड़ उखड़ गए।
बोकारो इस्पात के नगरीय क्षेत्र में बीती रात से बिजली की आपूर्ति बंद है। भगतबहवा नदी पर निर्माणाधीन पुल को लेकर बनाया गया डायवर्सन पानी के तेज बहाव में बह गया। जामताड़ा जिले में भी विभिन्न स्थानों पर पेड़ गिरने से विद्युतापूर्ति ठप रही। साहिबगंज जिले में गंगा नदी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है।
पानी के लिए त्राहिमाम
मेदिनीनगर शहर में पेयजलापूर्ति अनिश्चितकाल के लिए बंद है। छठे दिन गुरुवार को भी शहर में पेयजलापूर्ति ठप रहने से पानी के लिए त्राहिमाम की स्थिति है। यहां बोतल बंद पानी खरीदने की विवशता है। यहां बाढ़ का पानी कम होने के बाद ही जलापूर्ति संभव है। इसी तरह कोडरमा जिले के झुमरीतिलैया शहर में पिछले तीन दिनों से जलापूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से ठप है।
पलामू प्रमंडल व गुमला में आज भारी बारिश
राज्य ब्यूरो, रांची। पिछले 24 घंटों में हुई भारी बारिश से राज्य के कई जिले सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम में कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण यह हालात उत्पन्न हुए हैं। मौसम विभाग की मानें तो अगले 24 घंटों में यही स्थिति बनी रहेगी, जिसका असर राजधानी रांची समेत पलामू प्रमंडल व गुमला में भारी बारिश के रूप में देखने को मिल सकता है। गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने जमशेदपुर में स्थिति नियंत्रण में बताई है। मध्यप्रदेश के बांध सागर से 3600 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे सोन का जलस्तर भी बढ़ेगा। राज्य में आपदा प्रबंधन की कमान संभाल रहे कर्नल संजय श्रीवास्तव ने बताया कि तमाम हालात पर हमारी नजर है। सभी उपायुक्तों को एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।
जलाशयों, नदियों और नदियों के कैचमेंट एरिया पर विशेष निगाह रखने की नसीहत दी गई है। उन्होंने बताया कि बढ़ते जलस्तर को देखते हुए झारखंड के चांडिल, मैथन, पंचेत और तेनुघाट डैम से पानी छोड़ा गया है, जिसकी सूचना पड़ोसी राज्यों को दे दी गई है।