नदी किनार अवैध कब्जा करने वालों की खैर नहीं, दर्ज होगा मुकदमा
एनएच 33 पर इस पर 15 फीट चौड़ा पुल भी बना है। इसी पुल से लगे नदी की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। एक साल पूर्व यहां जमीन को खोदकर पिलर खड़ा कर दिए गए थे। रोक के बाद काम बंद हो गया
हजारीबाग, जागरण संवाददाता। सरकार की संपत्ति है जहां मन करे वहां खोद दो, कब्जा कर लो, परंतु ऐसा नहीं चलेगा। सदर अंचलाधिकारी राजेश कुमार ने ऐसे ही एक जमीन दलाल पर कोर्रा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है। जिसने 40 फिट चौड़ी सारले नदी को अपना पुश्तैनी जमीन बता घर खड़ा करने को आमदा है। रोक के बावजूद सरकारी आदेश के अवहेलना को लेकर सीओ ने जांच के बाद जमीन अपने होने का दावा कर रहे मदन कुमार पिता स्व. राम लोचन प्रसाद पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है।
केशर ए हिंद की है जमीन
आधा किलोमीटर दूर तक कब्जा एनएच 33 स्थित पुलिस अकादमी से पूर्व बहने वाला सारले नदी शहर से निकलता है। नूरा से पूर्व में इसका उद्गम था। बाद में 150 वर्ष पूर्व झील बन जाने के बाद अब यह बडी झील से बहने वाली सोत से आगे बढ़ती है। सरकारी दस्तावेजों के अनुसार यह केशर ए हिंद की जमीन है। सवे्र खाता में नदी की चौड़ाई 40 फीट बताई गई है। एनएच 33 पर इस पर 15 फीट चौड़ा पुल भी बना है। इसी पुल से लगे नदी की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। एक साल पूर्व यहां जमीन को खोदकर पिलर खड़ा कर दिए गए थे। रोक के बाद काम बंद हो गया, अब एक बार फिर जमीन दलाल गुरुवार को काम शुरु कर दिया। सरकारी जमीन पर काम शुरु होने की सूचना पर सीओ ने कोर्रा थाना को इसकी सूचना दी और पुलिस ने मौके पर पहुंच कर काम बंद करा दिया।
जांच रिपोर्ट में अवैध कब्जा की पुष्टि
सीआई ने अतिक्रमण हटाने की किया अनुशंसा सीओ के आदेश पर सीआई ने पूरी भूमि की जांच की और पाया कि नदी की जमीन पर जबरदस्ती जाली कागज दिखाकर कब्जा किया जा रहा है। जबकि यह सरकारी है और यह सर्वे खाता में है। सीआई ने जांच के बाद कब्जा की पुष्टि की है। कहा कि घर निर्माण करने की कवायद की जा रही है। जिसे कार्यवाही के तहत कब्जा मुक्त किया जा सकता है।
सरकारी जमीन की कब्जा गलत है, जो कोई भी व्यक्ति इस तरह का कृत्य करेगा उस पर कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी। फिलवक्त काम को बंद करा दिया गया है और प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है।
राजेश कुमार, अंचलाधिकारी, सदर, हजारीबाग