90 भूमिगत खदानों के पुनरुद्धार को आइआइटी ने सौंपी रिपोर्ट, बीसीसीएल की 23 व ईसीएल की 18 माइंस में तकनीक बदल कर कोयला खनन की तैयारी
कोल इंडिया की 90 भूमिगत खदानों को कैसे रिवाइवल किया जाए, इस पर रिपोर्ट तैयार कर आइआइटी ने सौंप दिया है।
जासं, धनबाद : कोल इंडिया की 90 भूमिगत खदानों को कैसे रिवाइवल किया जाए, इस पर रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेवारी आइआइटी आइएसएम धनबाद को दी गई थी। आइएसएम व इनकी दो सहयोगी एजेंसियों ने भूमिगत खदानों का अध्ययन करने के बाद शनिवार को कोल इंडिया मुख्यालय में अपनी अध्ययन रिपोर्ट सौंप दी है। इससे पहले आइएसएम की टीम ने कोल इंडिया चेयरमैन एके झा सहित तमाम कोल कंपनियों के सीएमडी व निदेशक के बीच पावर प्रेजेंटेशन के जरिए खदानों की स्थिति व उसके तकनीक इस्तेमाल पर जानकारी दी।
आइएसएम के पूर्व निदेशक व अध्ययन में शामिल डीसी पाणिग्रही ने दैनिक जागरण को बताया कि पांच माह तक भूमिगत खदानों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की गई है। खदानों में कोयला उत्पादन करने के लिए तकनीक में बदलाव जरूरी है। बदलाव होते ही भूमिगत खदानों से कोयला उत्पादन बढ़ जाएगा। साथ ही पर्यावरण व कोयले की गुणवत्ता को लेकर भी जो सवाल खड़े हो रहे हैं, उससे निजात मिल जाएगी। बताया कि इन खदानों में 7.2 अरब टन कोयला का भंडार है, जिसमें कोकिंग कोल व नन कोकिंग कोल है। बीसीसीएल की 23 व ईसीएल की 18 खदानें शामिल हैं। बैठक के दौरान विभिन्न कोल कंपनियों के सीएमडी ने भी अपने सुझाव दिए।
दो अरब डॉलर से खरीदे जाएंगे उपकरण :
कोल इंडिया ग्लोबल टेंडर के जरिए अगले तीन सालों में दो अरब डॉलर से उच्च तकनीक की खनन उपकरण खरीदेगी। देश में कोयला की बढ़ती मांग के मद्देनजर कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए कोल इंडिया प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है। अगले तीन साल में 12000 से 13000 करोड़ रुपये के खनन उपकरण खरीदे जाएंगे, जिसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। वैसे भी कोल इंडिया आस्ट्रेलिया व चाइना की तकनीक का इस्तेमाल संयुक्त साझेदारी से कोयला खनन में कर रही है।
उत्पादन व डिस्पैच पर दें जोर : चेयरमैन
कोल इंडिया के चेयरमैन अनिल कुमार झा ने कंपनी की सभी अनुषंगी इकाइयों के सीएमडी व निदेशकों के साथ शनिवार को कोलकाता में समीक्षा बैठक की। बैठक में कंपनी की आर्थिक स्थिति को कैसे सुधारा जाए, कोयला उत्पादन व डिस्पैच में तेजी लाना आदि विषयों पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। मालूम हो कि कोयला मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश के आलोक में सीआइएल को मानसून सीजन के दौरान उत्पादन से अधिक जोर डिस्पैच पर देना है। बैठक में तकनीकी निदेशक विनय दयाल, निदेशक क्रय एसएन प्रसाद, डीपी आरपी श्रीवास्तव, बीसीसीएल सीएमडी अजय कुमार सिंह, डीटी देवल गांगुली, एनके त्रिपाठी, डीपी आरपी श्रीवास्तव, डब्ल्यूसीएल सीएमडी राजीव रंजन मिश्रा, सीएमपीडीआइएल सीएमडी शेखर शरण आदि अधिकारी मौजूद थे।