पंजाब नेशनल बैंक के लॉकर से गायब आभूषणों की कराई गई पहचान
Ranchi News पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर में यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया (परिवर्तित पंजाब नेशनल बैंक) में हुए लॉकर घोटाला की टीआइपी (टेस्ट आइडेंटिफिकेशन परेड) शनिवार से शुरू हो गई है। लॉकरों से गायब जेवरातों की पहचान संबंधित दावेदारों के माध्यम से कराने में पुलिस जुटी है।
रांची, जागरण संवाददाता। पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर में यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया (परिवर्तित पंजाब नेशनल बैंक) में हुए लॉकर घोटाला की टीआइपी (टेस्ट आइडेंटिफिकेशन परेड) शनिवार से शुरू हो गई है। लॉकरों से गायब जेवरातों की पहचान संबंधित दावेदारों के माध्यम से कराने में पुलिस जुटी है। सदर अंचल अधिकारी जेके मिश्रा की मौजूदगी में टीआइपी हो रही है। टीआइपी के लिए 12 दिसंबर तक का समय निर्धारित है।
दावे के अनुसार गहनों की पहचान होने के बाद उसे सील कर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। न्यायालय में प्रक्रिया पूरी होने के बाद दावेदारों को गहने मिलेंगे। टीआइपी के लिए रखे गए सोने के गहनों का वजन 2 किलो 100 ग्राम है। विदित हो कि यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में चार माह पूर्व लॉकर घोटाला हुआ था। यहां के सात लॉकरों की डुप्लीकेट चाबी बनवा कर घोटाला को अंजाम दिया गया था। लॉकर से निकाले गए गहने मैनेजर और डिप्टी मैनेजर ने रिशु सोनी के पास गिरवी रख दिए थे।
जेवरातों को मुथूट फाइन कार्प और आइसीआइसीआइ बैंक में गिरवी रखा गया था। 22 सितंबर को इस मामले का उद्भेदन करते हुए बैंक के मैनेजर और डिप्टी मैनेजर समेत 15 आरोपितों को अब तक गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है। मुख्य आरोपित रिशु पत्नी के साथ फरार है। शहर थाना प्रभारी अरुण कुमार माहथा ने बताया कि पुलिस ने जेवरातों की टीआइपी शुरू कर दी है। सीओ की निगरानी में सारे गहनों की पहचान की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक सात में से छह लॉकरों के मालिकों ने गहनों की पहचान शुरू की है। एक दावेदार एके सिन्हा बाहर रहने के कारण आ नहीं पाए हैं। सभी से अच्छा रिस्पांस रहा है। कुछ लोग अपने गहनों की पहचान के लिए उसकी फोटो खींच कर मोबाइल में लाए हैं।