हुजूर, मेरा जवाब ही भ्रामक था, स्पीकर को ऐसा बोलकर फंस गए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता
झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष ने मंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि आगे से पढ़कर ही दें जवाब भविष्य में न हो ऐसी गलती। जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने की स्वास्थ्य मंत्री के विरुद्ध कार्रवाई की मांग। पढ़िए क्या है पूरा मामला।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड विधानसभा में भ्रामक उत्तर देने पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता फंस गए। उन्होंने मंगलवार को विधायक सरयू राय के एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि सदन में रखा गया उत्तर भ्रामक था। इसके लिए उन्होंने विभाग के अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया। स्पीकर ने भी मंत्री को इस तरह की गलती नहीं दोहराने की नसीहत देते हुए कहा कि विभाग से आए जवाब को अच्छी तरह पढऩे के बाद ही सदन में रखें। उन्होंने यह भी कहा कि वे विभाग द्वारा भ्रामक जवाब आने को गंभीरता से लें तथा इसपर अधिकारियों के साथ बैठक करें। इसे लेकर स्पीकर ने उन्हें नियमन भी दिया।
विधायक सरयू राय ने मांगा था जवाब
दरअसल, विधायक सरयू राय ने 17 दिसंबर को सदन में जमशेदपुर के ब्रह्मानंद नारायणा अस्पताल के मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना में सूचीबद्ध नहीं होने पर भी उसे योजना में लाभ देने का आरोप लगाते हुए सरकार से इसपर जवाब मांगा था। इसपर मंत्री ने सदन में उक्त अस्पताल के योजना में सूचीबद्ध होने की जानकारी दे दी थी। मंगलवार को विधायक सरयू राय ने अपने पूरक प्रश्न में कहा कि उक्त अस्पताल को उनके द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद सूचीबद्ध किया गया है। इसपर मंत्री ने स्वीकार किया कि जवाब गलत नहीं, लेकिन भ्रामक जरूर था। इसपर विधायक सरयू राय ने मंत्री को घेरते हुए पूछा कि मंत्री सदन को भ्रामक जवाब कैसे दे सकते हैं। इनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।
आज विधानसभा में आएगा जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक
राज्य में जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक, 2021 बुधवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा। इसी के साथ सदन में दो अन्य विधेयक पेश किए जाएंगे। इनमें झारखंड बिजली शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2021 तथा कोर्ट फीस (झारखंड संशोधन) विधेयक, 2021 शामिल हैं। तीनों विधेयकों पर चर्चा के बाद उसे पारित कराया जाएगा। पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय विधेयक, 2021 में विश्वविद्यालय की संरचना से लेकर पदाधिकारियों के कार्य, नियुक्ति आदि का विस्तृत उल्लेख है। बता दें कि राज्य का पहला जनजाति विश्वविद्यालय जमशेदपुर में खोला जाएगा। इसके लिए सरकार ने जमशेदपुर के गालूडीह और घाटशिला के बीच 20 एकड़ जमीन चिह्नित की है। राज्य सरकार विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर एकमुश्त राशि अनुदान के रूप में देगी।