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Hul Diwas 2020: हूल दिवस पर झारखंड में एक और क्रांति, सिदो-कान्हू के वंशजों ने माल्यार्पण करने से रोका

Hul Diwas 2020 राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने शहीद सिदो कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की कथित हत्या के मामले में राज्य के पुलिस महानिदेशक एमवी राव को राजभवन बुलाकर जानकारी ली।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 11:00 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 07:12 AM (IST)
Hul Diwas 2020: हूल दिवस पर झारखंड में एक और क्रांति, सिदो-कान्हू के वंशजों ने माल्यार्पण करने से रोका
Hul Diwas 2020: हूल दिवस पर झारखंड में एक और क्रांति, सिदो-कान्हू के वंशजों ने माल्यार्पण करने से रोका

रांची/साहिबगंज, जेएनएन। तीन दशक में पहली बार साहिबगंज के भोगनाडीह में हूल दिवस पर सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं किया गया, न मेला लगा। मंगलवार को सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के लिए उपायुक्त भोगनाडीह गए। पूर्व की घोषणा के अनुरूप सिदो कान्हू के वंशजों ने उनसे अनुरोध किया कि माल्यार्पण न करें। सरकारी अधिकारियों ने वंशजों को समझाने की भरसक कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। भोगनाडीह पार्क में ताला लगा दिया।

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आखिरकार उपायुक्त वरुण रंजन को दूर से फूल चढ़ा कर हूल दिवस पर सम्मान प्रदर्शित करना पड़ा। सिदो कान्हू के वंशजों ने पहले ही घोषणा कर रखी थी कि वे किसी को फूल चढ़ाने नहीं देंगे प्रतिमा पर। उनकी नाराजगी है कि सिदो कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की मौत की जांच सीबीआइ क्यों नहीं कर रही। राज्य सरकार से लगातार वे इसकी मांग कर रहे हैं।

बता दें कि 1990 से भोगनाडीह में विधिवत हूल दिवस का आयोजन शुरू किया गया है। उससे पहले भी लोग वहां जाकर श्रद्धासुमन अर्पित करते थे। सार्वजनिक आयोजन नहीं होता था। वहीं, कोरोना का हवाला देते हुए साहिबगंज प्रशासन ने इस बार तय किया था कि हूल दिवस पर सार्वजनिक समारोह और मेला नहीं करने दिया जाएगा। सिर्फ प्रशासनिक अधिकारी भोगनाडीह जाकर प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। उपायुक्त ने पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद रामेश्वर मुर्मू की तस्वीर पर पुष्प अर्पण किया। कुछ आम लोग भी सिदो कान्हू की प्रतिमा पर फूल चढ़ाने आए थे। वंशजों ने उन्हें भी मना कर दिया। 

हत्याकांड की सीबीआइ जांच के लिए घर पर दिया धरना

13 जून को सिदो कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू का शव भोगनाडीह के मांझी टोला से मिला था। परिजन इसे हत्या और साजिश बता रहे हैं। वंशज चाहते हैं कि इस मामले की तुरंत सीबीआइ जांच शुरू हो। हूल दिवस पर भी वंशजों ने अपने घर पर धरना दिया। गौरतलब है कि 30 जून 1855 को अंग्रेजो के खिलाफ आदिवासियों ने आंदोलन का बिगुल फूंका था, सिदो कान्हू ने इसकी अगुवाई की थी। इसे हूल कांति कहते हैं। 

कोरोना के कारण भोगनाडीह में मेला का आयोजन नहीं हुआ है। सरकारी अधिकारी भोगनाडीह में माल्यार्पण करने गए थे। वंशजों ने माल्यार्पण करने से मना किया। उनकी भावना का सम्मान किया गया। प्रशासन वंशजों के साथ है। वरुण रंजन, उपायुक्त, साहिबगंज 

रामेश्वर मुर्मू की हत्या हुई है। आदिवासी रीति रिवाज में श्राद्ध और उसके बाद पूजा पाठ की व्यवस्था है। यह नहीं हुआ है। इसी कारण हमने लोगों से भोगनाडीह में हूल दिवस नहीं मनाने की अपील की थी। प्रशासन ने सादगी से हूल दिवस मनाया है। इसके लिए धन्यवाद।  मंडल मुर्मू, शहीद सिदो कान्हू के वंशज

 

राज्यपाल ने कहा, सिदो-कान्हू के वंशज की हत्या होना दुर्भाग्यपूर्ण, दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी का आदेश

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने शहीद सिदो कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की कथित हत्या के मामले में राज्य के पुलिस महानिदेशक एमवी राव को राजभवन बुलाकर जानकारी ली। उन्होंने इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि इस मामले में दोषी व्यक्तियों को शीघ्र पकड़कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए। राज्यपाल ने कहा कि शहीदों के वंशजों के उचित देखभाल राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। भाजपा के भी एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राजभवन में राज्यपाल से मिलकर इस घटना की जांच की मांग की थी।


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