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बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए बनी कमेटी

राज्य सरकार बिजली व्यवस्था में सुधार की दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 09:07 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 09:07 AM (IST)
बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए बनी कमेटी
बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए बनी कमेटी

राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य सरकार बिजली व्यवस्था में सुधार की दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रही है। इस कड़ी में विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की गई है। यह कमेटी बिजली कंपनियों झारखंड बिजली वितरण निगम, झारखंड ऊर्जा विकास निगम, झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम और झारखंड ऊर्जा संचरण निगम की कार्यक्षमता, दक्षता और कार्यशैली में सुधार लाने के लिए आवश्यक सुझाव देगी। विकास आयुक्त कमेटी के अध्यक्ष होंगे, जबकि ऊर्जा विभाग के सचिव इस कमेटी के सदस्य सचिव होंगे।

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कमेटी में झारखंड बिजली वितरण निगम, झारखंड ऊर्जा विकास निगम, झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम और झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के सीएमडी और एमडी समेत संबंधित कंपनियों के महाप्रबंधक और मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी बतौर सदस्य शामिल किए गए हैं। कमेटी माह में कम से कम एक बार बैठक कर ऊर्जा विभाग को रिपोर्ट देगी।

महामारी के दौर में अपने शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का रखें ध्यान : जैन

स्वास्थ्य जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है। हर मनुष्य को अच्छे स्वास्थ्य का हक है। इस महामारी के दौर में यह और भी जरूरी और महत्वपूर्ण हो गया है। मनुष्य अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य व अपने खानपान पर उचित ध्यान दें।

ये बातें फिक्की के द्वारा आपदा में स्वास्थ्य हेल्थ फूड एंड न्यूट्रिशन में आयोजित वेबिनार में फिक्की के निदेश तरूण जैन ने कही। कार्यक्रम में झारखंड के डिपार्टमेंट ऑफ फूड पब्लिक डिसटीब्यूशन एंड कंज्यूमर अफेयर्स के संयुक्त सचिव सतीश चंद्र चौधरी ने कहा कि स्वस्थ शरीर सबसे बड़ा उपहार है। उन्होंने कहा कि डायरेक्टिव प्रिसिपल्स में बताया गया है कि यह राज्य सरकार का दायित्व है कि वह आम जनता की स्वास्थ्य का पूर्ण रूप से ख्याल रखें। बताया कि एनएफएसए 80 करोड़ लोगों को अनाज उपलब्ध कराता है। झारखंड सरकार 18 लाख टन भोजन मिड डे मील कार्यक्रम के अंतर्गत लोगों तक पहुंचाती है। राज्य के पास 25 हजार पीडीएस दुकानें हैं। वहां से दो करोड़ 61 लाख लोगों को अनाज मिलता है। इसके अंतर्गत तीन किलो चावल और दो किलो गेहूं दिया जाता है।


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