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हाई कोर्ट का आदेश, लोकसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले करें रांची-टाटा NH33 का टेंडर

NH33. झारखंड हाई कोर्ट ने रांची-जमशेदपुर फोर लेन के मामले में निर्देश दिया है कि लोकसभा चुनाव के पहले इसके लिए तमाम प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएं।

By Edited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 05:24 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 05:28 AM (IST)
हाई कोर्ट का आदेश, लोकसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले करें रांची-टाटा NH33 का टेंडर
हाई कोर्ट का आदेश, लोकसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले करें रांची-टाटा NH33 का टेंडर

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को रांची-जमशेदपुर फोर लेन निर्माण मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने बाकी बचे निर्माण के लिए जल्द से जल्द टेंडर जारी करने के लिए एनएचएआइ को निर्देश दिया। जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि टेंडर की प्रक्रिया लोकसभा चुनाव की अधिसूचना से पहले पूरा कर लें, नहीं तो सारी मेहनत बेकार जाएगी। इस मामले में एनएचएआइ को तेजी दिखानी होगी।

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कोर्ट ने एनएचएआइ को 23 जनवरी तक बीड ओपेन करने और 14 फरवरी तक टेंडर की सारी प्रक्रिया पूरा करने निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी। सीबीआइ से मांगी जांच की जानकारी अदालत ने सीबीआइ से मामले में हो रही जांच की वर्तमान स्थिति बताने का निर्देश दिया है। सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज किए जाने की जानकारी कोर्ट को दी गई। जिसके बाद कोर्ट ने सीबीआइ से पूछा है कि वर्तमान में जांच की स्थिति क्या है? 14 फरवरी तक सीबीआइ को जांच की स्टेटस रिपोर्ट शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में दाखिल करनी है।

ओटीएस पर तैयार नहीं संवेदक : इस मामले में एनएचएआइ की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया। इसमें कहा गया कि ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) को लेकर संवेदक व बैंक के साथ चार बार बैठक हो चुकी है, लेकिन मामला अभी तक सुलझ नहीं पाया है। जिसकी वजह से टेंडर की प्रक्रिया को 23 जनवरी तक आगे बढ़ना पड़ा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि संवेदक न तो मामला समाप्त करना चाह रहा है और न ही टेंडर की प्रक्रिया को आगे बढ़ने देना चाह रहा है। अब संवेदक के कार्य को रद करने का ही विकल्प बचा है।

अब तक नहीं हटा अतिक्रमण : एनएचएआइ ने कहा कि सरकार की ओर से अभी तक अतिक्रमण मुक्त करके उन्हें जमीन नहीं दी गई है। बुंडू में सरकारी जमीन के लिए मुआवजे की राशि दे दी गई है, लेकिन अभी तक करीब चालीस संरचनाओं को हटाया नहीं किया गया है। इसी तरह तुरूप गांव के पास एक किलोमीटर तक की जमीन अधिग्रहण नहीं की जा सकी है। वहीं, दूसरे एक किलोमीटर का फारेस्ट क्लीयरेंस भी नहीं मिला है। इसके बाद कोर्ट ने सरकार को एनएचएआइ की ओर से उठाए गए मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने का निर्देश दिया।

ओटीएस पर जल्द निर्णय :  सुनवाई के दौरान संवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जल्द ही ओटीएस के मुद्दे पर सहमति बन जाएगी। उनकी ओर से कोर्ट को अंडर टेकिंग दी गई कि इस वजह से बाकी काम का टेंडर प्रभावित नहीं होगा। पूर्व में कोर्ट के आदेश पर संयुक्त रूप से किए काम का सर्वे किया गया। इसका मूल्यांकन हो रहा है। इसको लेकर सभी पक्ष सकारात्मक पहल कर रहे हैं।


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