नवरात्र से पहले मां छिन्नमस्तिका मंदिर खोलने पर विचार करे सरकार : हाई कोर्ट
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर को आम लोगों के लिए खोलने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को नवरात्र से पहले मंदिर खोलने पर विचार करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि सरकार ने देवघर मंदिर को खोलने के लिए एसओपी बनाई है जिसमें सभी धर्म स्थलों को खोलने पर विचार करने की बात समाहित है। इसी आधार पर मां छिन्नमस्तिका मंदिर खोलने पर विचार हो सकता है।
रांची : झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर को आम लोगों के लिए खोलने की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को नवरात्र से पहले मंदिर खोलने पर विचार करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि सरकार ने देवघर मंदिर को खोलने के लिए एसओपी बनाई है, जिसमें सभी धर्म स्थलों को खोलने पर विचार करने की बात समाहित है। इसी आधार पर मां छिन्नमस्तिका मंदिर खोलने पर विचार हो सकता है। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए सरकार ने एक समिति गठित की है। कमेटी ही इस पर निर्णय लेती है। नवरात्रि के पूर्व समिति मां छिन्नमस्तिका मंदिर को खोलने के मामले पर विचार कर उचित निर्णय लेगी।
दरअसल रजरप्पा मंदिर खोलने की मांग को लेकर पूर्व मंत्री माधव लाल सिंह ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि कोविड-19 से जुड़ी गाइड लाइंस और अनलॉक से जुड़ी एडवाइजरी के तहत राज्य सरकार को रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिके मंदिर खोलने का निर्देश दिया जाए, ताकि आम श्रद्धालुओं और मंदिर से जुडे़ लोगों के समक्ष जीवन यापन की समस्या खड़ी न हो। कोरोना संकट के चलते मंदिर बंद हो गया है। इससे श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय भी प्रभावित हो रहे हैं। राज्य सरकार के द्वारा अनलॉक किए जाने की प्रक्रिया में 28 अगस्त को भी मंदिर खोलने से संबंधित कोई आदेश नहीं दिया गया। जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने देवघर मंदिर खोलने के लिए एक एसओपी बनाई थी। इसमें सभी धर्म स्थलों को खोलने पर विचार करने की बात कही गई है।