हाई कोर्ट का आदेश; जमानत लेने के लिए अब पैरवीकारों को देना होगा पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ
हाई कोर्ट ने जमानत व आपराधिक याचिका दाखिल करते समय पैरवीकारों का पहचान पत्र को अनिवार्य कर दिया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट ने अब जमानत व आपराधिक याचिका दाखिल करते समय पैरवीकारों को अपना पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ जमा करना अनिवार्य कर दिया है। इस इस संबंध में हाई कोर्ट के संयुक्त रजिस्ट्रार संजीव कुमार दास ने आदेश जारी किया है। इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। आदेश में कहा गया है कि पैरवीकार का सरकारी कार्यालय से जारी पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ को नोटरी या कोर्ट के ओथ कमिश्नर से सत्यापित करना अनिवार्य होगा।
अभी तक आपराधिक मामलों में याचिका दाखिल करते समय पैरवीकारों को पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ नहीं देना होता था। नई व्यवस्था के तहत इन दोनों दस्तावेजों को सत्यापित करने के बाद दाखिल की जाने वाली याचिका के साथ संलग्न भी करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो उनकी याचिका स्वीकृत नहीं की जाएगी।
उधर, हाई कोर्ट के अधिवक्ता लिपिक संघ अध्यक्ष डीसी मंडल व सचिव आरएन द्विवेदी ने पैरवीकारों को याचिका दाखिल करते समय सशरीर हाजिर रहने की माग भी की है।
वेतन की राशि सीधे शिक्षक व कर्मियों के खाते में जाए : संघ
झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ ने अल्पसंख्यक स्कूलों के शिक्षकों व कर्मियों के वेतन की राशि सीधे ट्रेजरी से विपत्र पारित कराकर उनके बैंक खाता में भुगतान की मांग की है। साथ ही आवंटन बिल पर शिक्षा उप निदेशकों द्वारा प्रति हस्ताक्षर करने की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की है।
संघ के संयुक्त सचिव यशवंत विजय ने कहा है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा हाल ही में जारी अनुदान के आवंटन में इसे अनिवार्य किया गया है। इससे शिक्षकों व कर्मियों को वेतन मिलने में देरी हो सकती है।
उसमें जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे प्रत्येक माह शिक्षकों एवं कर्मियों के वेतन की राशि की निकासी कर विद्यालय के खाते में उपलब्ध कराएंगे। वे यह भी व्यवस्था करेंगे कि उपलब्ध राशि में से प्रत्येक माह की 5वीं तारीख तक शिक्षकों के खाते में वेतन की राशि हस्तांतरित हो जाए।