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हेमंत सरकार के 100 दिन: काम ने जोर पकड़ा तो कोरोना ने घेरा

Hemant Government. हेमंत सरकार ने किसानों की ऋण माफी और 100 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा पूरा किया। फिलहाल कोरोना आपदा से निपटना सरकार के समक्ष बड़ी चुनौती है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Tue, 07 Apr 2020 11:53 AM (IST)Updated: Tue, 07 Apr 2020 11:53 AM (IST)
हेमंत सरकार के 100 दिन: काम ने जोर पकड़ा तो कोरोना ने घेरा
हेमंत सरकार के 100 दिन: काम ने जोर पकड़ा तो कोरोना ने घेरा

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी सरकार के 100 दिन पूरे हो गए। हालांकि यह अवधि काफी छोटी है, जिसके आधार पर किसी नतीजे पर पहुंचा जाए। तीन दलों की संयुक्त सरकार में मंत्रिमंडल के विस्तार में ही शुरूआती माह बीता। पहले खरमास का झंझट और उसके बाद कांग्रेस द्वारा मंत्रियों की सूची सौंपे जाने में देरी की वजह से मंत्रिमंडल विस्तार में विलंब हुआ।

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इस दौरान सरकार ने कई नीतिगत फैसले लिए। काम जबतक रफ्तार पकड़ता, महामारी कोरोना की दस्तक हुई तो इससे निपटने में सरकार की पूरी मशीनरी लग गई। इससे पूर्व किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ करने और 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने पर अहम फैसला हुआ। नीतिगत निर्णय भी हुए, जिसमें पत्थलगड़ी से जुड़े मुकदमे वापस लेने और स्थानीयता नीति फिर से परिभाषित करने को लेकर कमेटी बनाने की घोषणा अहम है।

हालांकि सरकार बनने के साथ ही कांग्रेस ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम की आवश्यकता जताई थी। इस दिशा में कार्य अभी अपेक्षित है। समन्वय के लिए तीनों दलों की कमेटी भी अभी तक नहीं बन पाई है। झामुमो के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टïाचार्य कहते हैैं कि कामकाज को गति मिल ही रही थी कि जानलेवा महामारी से निपटने की कोशिश में ही सारी ऊर्जा लग रही है। आरंभ से ही इस दिशा में की गई कोशिश का नतीजा है कि राज्य में स्थिति नियंत्रण में है।

ब्यूरोक्रेसी में अभी ज्यादा बदलाव नहीं

सरकार बदलने के साथ अधिकारियों की टीम में बदलाव कोई जरूरी नहीं, लेकिन आम धारणा यही है कि नई टीम नई सरकार के अनुसार काम करेगी। पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई झामुमो, कांग्रेस व राजद की सरकार इस बदलाव को भी नहीं कर पाई है। हालांकि इसे लेकर सारी कवायद पूरी की जा चुकी है, बस अंजाम नहीं दिया जा सका है।

वैसे इससे एक अच्छा संकेत यह भी गया कि टीम को बदले बिना हेमंत सोरेन की सरकार काम चलाएगी। वर्तमान में राज्य मुख्यालय को गृह सचिव, वन विभाग के सचिव, जल संसाधन विभाग के सचिव समेत एक दर्जन महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारियों की जरूरत है। इन पदों पर या तो अधिकारी नहीं हैं या फिर प्रभार से काम चलाया जा रहा है। इसी प्रकार कई जिलों में उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षकों को बदले जाने का वक्त आ गया है। इनकी पदस्थापना के तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं, लेकिन इस पर निर्णय नहीं हो सका है।

उम्मीदों के अनुरूप काम का दावा

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव का दावा है कि सरकार उम्मीदों के अनुरूप काम कर रही है। 100 दिनों में सरकार ने आम लोगों को यह भरोसा दिला दिया है।  घोषणापत्र के अनुरूप कार्यों को निष्पादित भी किया गया है। कोरोना संकट के कारण अभी मुख्य चिंता लोगों तक भोजन और स्वास्थ्य की सुविधाओं को पहुंचाने की है और इसमें सरकार लगातार प्रयासरत है।

घोषणापत्र के अनुरूप किसानों की ऋण माफी का निर्णय लिया गया और बजट के दौरान निशुल्क बिजली उपलब्ध कराने की पहल भी की गई। संकट की इस घड़ी में लगभग 10 लाख परिवारों को नए राशन कार्ड उपलब्ध कराने के पूर्व उन्हें खाद्यान्न की सुविधा मुहैया कराई गई है और प्रदेश में मुख्यमंत्री दाल भात केंद्रों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। इसके अलावा 4562 पंचायतों में मुख्यमंत्री दीदी किचन की शुरुआत की गई है जहां लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।


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