PM Awas Yojna: सरकार और उद्योग मंत्रालय आमने-सामने, गरीबों के लिए जमीन नहीं दे रहा HEC
Ranchi. राज्य सरकार के विभागों ने नीति आयोग के समक्ष उन मामलों को उठाया जिसके कारण सरकार के विकास कार्य बाधित हो रहे हैं अथवा धीमी गति से चल रहे हैं।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार के विभागों ने नीति आयोग के समक्ष उन मामलों को उठाया, जिसके कारण सरकार के विकास कार्य बाधित हो रहे हैं अथवा धीमी गति से चल रहे हैं। ऐसे ही मसलों में नीति आयोग ने केंद्र में संबंधित मंत्रालयों के साथ विमर्श कर सुलझाने का वादा किया है। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एचईसी क्षेत्र में स्वीकृत 16076 इकाइयों के लिए 107.28 एकड़ जमीन नहीं देने की बात सूचना आयोग को दी। यह मामला राज्य सरकार और भारी उद्योग मंत्रालय के बीच फंसा हुआ है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की नीति के अनुसार केंद्रीय उपक्रमों को राज्य सरकार से किफायती आवासों के लिए जमीन के बदले राशि नहीं लेनी है। इसी आधार पर राज्य सरकार एचईसी से 107.28 एकड़ जमीन मुफ्त मांग रही है। वर्ष 2008 में पुनर्वास योजना के तहत एचईसी ने 2342 एकड़ जमीन राज्य सरकार को दी थी लेकिन इसमें से 306.86 एकड़ भूखंड अतिक्रमित है। इसी में से राज्य सरकार जमीन मांग रही है ताकि आसपास के झुग्गियों में रहने वाले लोगों को पक्के आवास मुहैया कराए जा सकें।
रेल मंत्रालय
बगैर ट्रांजिट चालान के कोल ढुलाई से नुकसान विभाग का पक्ष था कि कोल इंडिया की सहयोगी कंपनियां सीसीएल, ईसीएल और बीसीसीएल से कोयला बिना ट्रांजिट चालान के ट्रांसपोर्ट होता है, जो झारखंड मिनरल (अवैध खनन, परिवहन और भंडारण) निरोधक नियम - 2017 का उल्लंघन है। कोल कंपनियों से रॉयल्टी का भुगतान कोयला ढुलाई होने एक माह बाद ही रेलवे को मिलता है।
बोकारो में टूल रूम बने
राज्य सरकार बोकारो में टूल रूम और तकनीकी सेंटर बनाने के लिए मंत्रालय के पास प्रस्ताव भेज चुकी है। प्रस्ताव है कि एमएसएमई जांच सेंटर बने। इसमें 20 तकनीकी सेंटर और 100 एक्सटेंशन सेंटर हो। गोड्डा और देवघर में इत्र और फूलों के विकास के लिए सेंटर बने। इसके लिए गोड्डा से 20 एकड़ और देवघर में दस एकड़ जमीन एमएसएमई मंत्रालय को देने पर भी राज्य सहमत है। जमशेदपुर में 188 करोड़ रुपये की लागत से इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर प्रोजेक्ट की शुरुआत हो गई है।
बीएसएल नहीं खरीद रही स्थानीय उपक्रमों से सामग्री
बोकारो स्टील लिमिटेड कंपनी नियमों का उल्लंघन कर स्थानीय उपक्रमों से खरीदारी कम कर रही है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 6.24 फीसद और 2018-19 में 8.31 फीसद ही खरीदारी की गई जबकि नियम 20 फीसद खरीदारी के लिए बना है।
झरिया में कीमती कोयला, खनिज रायल्टी पर भी चर्चा
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि झरिया पुनर्वास को लेकर काफी कदम उठाए गए हैं जिसके तहत इस वर्ष के अंत तक कुछ परिवर्तन दिखने लगेगा। खदानों से राष्ट्रीय उत्पादन बढ़ाने को प्रधानमंत्री के द्वारा बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने कहा कि झरिया में कीमती कोयला है और हम बाहर से आयात कर रहे हैं। यहां 1.52 लाख करोड़ रुपये के कोयला होने का अनुमान है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री, कोयला मंत्री और नीति आयोग की संयुक्त पहल से कई मामले सुलझ जाएंगे और शीघ्र ही इसको लेकर बैठक होगी। इस दौरान खान विभाग की ओर से हर तीसरे वर्ष रॉयल्टी रेट बढ़ाने की मांग की गई।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप