HEC ने नहीं जमा किए PF के 97 करोड़ रुपये, 7 बैंक खाते फ्रीज Ranchi News
HEC. नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर ईपीएफओ रांची सर्किल ने कड़ी कार्रवाई की है। 1976 से लेकर 1999 तक निर्धारित समय पर जमा पीएफ नहीं किया।
रांची, [मधुरेश नारायण]। नए साल में एचईसी (हेवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन) की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं। भविष्य निधि कार्यालय (ईपीएफओ) ने 97 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने पर एचईसी के सात बैंक खाते सीज कर दिए हैं। ईपीएफओ के अधिकारी के अनुसार, नवंबर के आखिरी सप्ताह में एचईसी को वर्षों पुराने बकाये के भुगतान के लिए नोटिस दिया गया था।
इसमें साफ-साफ कहा गया था कि अगर कंपनी भविष्य निधि के पैसे का भुगतान नहीं करती है तो एचईसी का बैंक अकाउंट सीज कर दिया जाएगा। इधर, एचईसी की निदेशक (वित्त) अरुंधति पांडा ने इस बारे में कुछ भी कहने से इन्कार किया है। उन्होंने कहा कि ईपीएफओ ने नवंबर में जो नोटिस दिया था उसका जवाब देने की तैयारी प्रबंधन की ओर से की जा रही है। अरुधंति पांडा वर्तमान में एचईसी की सीपीएफ ट्रस्टी हैं।
भुगतान नहीं तो संपत्ति बेच कर जुटाई जाएगी राशि
ईपीएफओ के अनुसार, अगर बैंक खाते जब्त करने के बाद भी अगर देय राशि कंपनी से वसूल नहीं हो पाती है तो वो एचईसी की संपत्ति को जब्त कर बेच सकती है। इधर, कंपनी की आर्थिक हालत काफी नाजुक है। ऐसे में कंपनी के लिए 97 करोड़ का भुगतान करना बहुत मुश्किल है।
क्या है मामला
एचईसी की ओर से कर्मियों का पीएफ वर्ष 1976 से लेकर 1999 तक निर्धारित समय पर जमा नहीं किया गया था। इसके भुगतान के लिए ईपीएफओ ने वर्ष 2003 में एचईसी को नोटिस दिया था। तब कंपनी ने घाटे में होने की बात कही और पैसे देने में असमर्थता जाहिर की थी। वर्ष 2007 में कंपनी ने केंद्र सरकार से मिले पुनरुद्धार पैकेज से बकाया और ब्याज की राशि का कुछ पैसे का भुगतान किया था। इसके बाद भी ईपीएफओ के 97 करोड़ रुपये बाकी रह गये। जिसके भुगतान के लिए ईपीएफओ ने बार-बार नोटिस दिया।
इस पर एचईसी ने असमर्थता जताई और मामले को लेकर अदालत में चली गई। मामला हाई कोर्ट में पहुंचने के बाद हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर स्टे लगा दिया। बाद में ईपीएफओ की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (स्पेशल लीव पीटिशन) दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया जिसके बाद हाई कोर्ट ने नवंबर 2019 के पहले हफ्ते में एचईसी की आपत्ति को मेरिट पर नहीं मानते हुए याचिका खारिज कर दी।
'नवंबर के अंतिम सप्ताह में एचईसी को 15 दिन के अंदर बकाया पैसे जमा करने को लेकर जवाब देने को कहा गया था। लेकिन एचईसी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। एचईसी के सात बैैंक खाते अटैच किए गए हैं। अगर इन खातों के माध्यम से रिकवरी नहीं होती है तो एचईसी के अन्य स्रोतों से रिकवरी की जाएगी।' -विकास आनंद, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-2, रांची।