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    झारखंड में अवैध खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान, ED ने तस्वीर भेजकर केंद्र को किया सचेत

    By Jagran NewsEdited By: Yashodhan Sharma
    Updated: Sun, 15 Jan 2023 10:59 AM (IST)

    JharKhand झारखंड में अवैध खनन की मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने इससे पर्यावरण को हो रहे नुकसान को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को सचेत किया है। अवैध खनन की वजह से पर्यावरण को अपूरणीय क्षति हो चुकी है।

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    ईडी ने पर्यावरण को हो रहे नुकसान को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को सचेत किया है। (PIC Credit- ED)

    नई दिल्ली, नीलू रंजन। झारखंड में अवैध खनन की मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने इससे पर्यावरण को हो रहे नुकसान को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को सचेत किया है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मनी लांड्रिंग के आरोपित पंकज मिश्रा के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए अवैध खनन की वजह से पर्यावरण को अपूरणीय क्षति हो चुकी है। पर्यावरण मंत्रालय को इस पर उचित कदम उठाना चाहिए। झारखंड हाई कोर्ट ने मंगलवार को पंकज मिश्रा की जमानत याचिका कड़ी टिप्पणी के साथ खारिज कर दी थी।

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    सूत्रों के अनुसार, पर्यावरण मंत्रालय को लिखे पत्र में साहिबगंज समेत कई स्थानों में हुए अवैध खनन से पर्यावरण को पहुंचे नुकसान को दिखाने के लिए गूगल अर्थ की इमेज भेजी गई है। इनमें जुलाई 2017 से जून 2021 के बीच पर्यावरण को हुए नुकसान की भयावहता को देखा जा सकता है। ईडी के मुताबिक, यह सिर्फ उदाहरण है। झारखंड में अन्य स्थानों पर अवैध खनन से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

    पिछले वर्ष साहिबगंज में हुई पड़ताल

    पिछले साल मार्च में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने के बाद ईडी ने अवैध खनन से नुकसान का अंदाजा लगाने के लिए राज्य वन विभाग, स्थानीय प्रशासन, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ मिलकर संयुक्त टीमों का गठन किया था। संयुक्त टीम ने टेस्ट के रूप में साहिबगंज जिले में 19 स्थानों की पड़ताल की, जिसमें बड़े पैमाने पर अवैध खनन की पुष्टि हुई। संयुक्त टीम की रिपोर्ट पर्यावरण मंत्रालय को भेजी गई है। इसमें बड़े पैमाने पर मिट्टी कटने, जमीन के बंजर होने, पहाड़ियों के समतल में तब्दील होने और कई स्थानों पर जल भराव की समस्या खड़ी होने की बात कही गई है। ये ऐसे नुकसान हैं, जिनकी भरपाई संभव नहीं है।

    100 से अधिक FIR के आधार पर हो रही जांच

    इसके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिर्फ 19 स्थानों की पड़ताल के दौरान कुल 23.26 करोड़ घन फीट अवैध खनन के प्रमाण मिले हैं, जिसका बाजार मूल्य 1250 करोड़ रुपये से अधिक है। यदि पूरे झारखंड में अवैध खनन की समुचित जांच की जाए तो मामला लाखों करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखने के उद्देश्य पर वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईडी स्थानीय पुलिस के 100 से अधिक एफआइआर के आधार पर मनी लांड्रिंग की जांच कर रही है।

    इनमें सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने और उससे हुई अवैध कमाई का पता लगाया जा रहा है। अवैध खनन से पर्यावरण को हुए नुकसान का आकलन करने की विशेषज्ञता ईडी के पास नहीं है। यह काम पर्यावरण मंत्रालय ही कर सकता है। कहा कि अवैध खनन मामले में मनी लांड्रिंग के ठोस सुबूत जुटाए गए हैं। इसका प्रमाण मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट द्वारा पंकज मिश्रा की जमानत याचिका खारिज करने के आदेश में कड़े शब्दों का प्रयोग है।

    19 स्थानों की पड़ताल के बाद मिले कई प्रमाण

    इसमें बड़े पैमाने पर मिट्टी कटने, जमीन के बंजर होने, पहाड़ियों के समतल में तब्दील होने और कई स्थानों पर जल भराव की समस्या खड़ी होने की बात कही गई है। ये ऐसे नुकसान हैं, जिनकी भरपाई संभव नहीं है। इसके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।

    ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिर्फ 19 स्थानों की पड़ताल के दौरान कुल 23.26 करोड़ घन फीट अवैध खनन के प्रमाण मिले हैं, जिसका बाजार मूल्य 1250 करोड़ रुपये से अधिक है। यदि पूरे झारखंड में अवैध खनन की समुचित जांच की जाए तो मामला लाखों-करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।

    पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखने के उद्देश्य पर वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईडी स्थानीय पुलिस के 100 से अधिक एफआइआर के आधार पर मनी लांड्रिंग की जांच कर रही है। इनमें सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने और उससे हुई अवैध कमाई का पता लगाया जा रहा है।

    अवैध खनन से पर्यावरण को हुए नुकसान का आकलन करने की विशेषज्ञता ईडी के पास नहीं है। यह काम पर्यावरण मंत्रालय ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन मामले में मनी लांड्रिंग के ठोस सुबूत जुटाए गए हैं। मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट द्वारा पंकज मिश्रा की जमानत याचिका खारिज करने के आदेश में कड़े शब्दों का प्रयोग है।