Jharkhand High Court: आवास खाली कराने के मामले में अब 25 को सुनवाई, विधायक नवीन जायसवाल ने दाखिल की है याचिका
Jharkhand High Court पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से पूछा था कि राज्य में विधायक और मंत्रियों को आवास आवंटित करने का आधार क्या है। इन लोगों को किस आधार पर आवास आवंटित किया जाता है।
रांची, राज्य ब्यूरो। आवास खाली कराने के आदेश के खिलाफ विधायक नवीन जयसवाल की ओर से दाखिल याचिका पर आज झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि जब कोर्ट ने पूरे विधायकों के आवास आवंटन की रिपोर्ट मांगी थी तो पूरी रिपोर्ट की बजाय सिर्फ 13 विधायकों की रिपोर्ट क्यों दी गई है। इस दौरान नवीन जायसवाल के अधिवक्ता चंचल जैन ने सरकार के जवाब पर प्रति उत्तर दाखिल करने के लिए समय की मांग की। इसे अदालत ने स्वीकार करते हुए 25 नवंबर को सुनवाई निर्धारित की है। नवीन जायसवाल ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ में याचिका दाखिल की है।
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से पूछा था कि राज्य में विधायक और मंत्रियों को आवास आवंटित करने का आधार क्या है। इन लोगों को किस आधार पर आवास आवंटित किया जाता है। इसकी रिपोर्ट अदालत में दाखिल की जाए। दरअसल नवीन जायसवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार ने आवास आवंटन करने में वरीयता का ख्याल नहीं रखा है। मनमाने ढंग से आवास का आवंटन किया गया है।
इसी मामले में एकल पीठ ने यह स्पष्ट किया था कि राज्य में विधायक व मंत्रियों को आवास आवंटित करने के लिए नियमावली नहीं होने के चलते आवास आवंटन में पारदर्शिता नहीं है और भविष्य में आवंटन में मनमानी को रोकने के लिए राज्य सरकार को एक नियमावली बनानी चाहिए।
नवीन जायसवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि पहली बार विधायक बनने वालों को उनसे अच्छे आवास आवंटित कर दिए गए हैं जबकि वह तीन बार से लगातार विधायक हैं। इसके अलावा किसी सक्षम पदाधिकारी ने आवास खाली कराने का आदेश नहीं दिया है। इसलिए सरकार के आदेश को रद किया जाए। बता दें कि एकल पीठ ने नवीन जायसवाल को आवास खाली करने का आदेश दिया था। इसी आदेश को उन्होंने खंडपीठ में चुनौती दी है।