हेल्दी हर्बल सिटी के चार औषधीय पौधे ठीक करेंगे पंद्रह रोग
बुखार सर्दी-खांसी सर दर्द कमर दर्द या पेट की गड़बड़ी जैसी छोटी औषधीय पौधे ठीक करेंगे।
विवेक आर्यन, रांची :
बुखार, सर्दी-खांसी, सर दर्द, कमर दर्द या पेट की गड़बड़ी जैसी छोटी और साधारण रोगों के लिए हम ना जाने कितनी दवाइयां खा जाते हैं। जबकि इनका उपचार बिना दवा के ही, कुछ पत्तों और उनके काढ़े से संभव है। यदि लोगों के पास इसकी जानकारी और घर के बगीचे या बॉल्कनी में सिर्फ चार पौधे हों, तो रांची की कम से कम 10 लाख की आबादी को डॉक्टर के क्लीनिक से छुटकारा मिल जाएगा। और यह संभव होगा रांची को हेल्दी हर्बल सिटी बनाने से।
रांची को विश्व की पहली हर्बल सिटी बनाने की योजना जल्द ही जमीन पर नजर आएगी। इसके तहत 53 वार्डो में चार प्रकार के पांच-पांच औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इस तरह सभी वार्डो में कुल 1060 पौधे लगेंगे। इन पौधों की खासियत है कि आम तौर पर होने वाले पंद्रह तहर के रोग इनसे ठीक हो जाएंगे। योजना को धरातल पर उतारने के लिए पार्षदों से बात की जा चुकी है, वार्डो में पौधों के लिए गड्ढे भी होने शुरू हो चुके हैं। पूरी योजना का नेतृत्व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय खुद करेंगे।
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कहां लगेंगे पौधे -
चारों औषधीय पौधे सार्वजनिक स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च, सरना स्थल, स्कूल, पार्क आदि स्थानों पर लगेंगे। इससे कोई भी व्यक्ति इसका लाभ उठा सकेगा और पौधों की सुरक्षा भी सभी की जिम्मेदारी होगी।
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अमृता -
बुखार, टीबी, लीवर की बीमारी, कमजोरी, भूख न लगना, चर्म रोग (खुजली, फोड़े, फुंसी), खांसी, दमा, हड्डी टूटने पर, डायबिटीज।
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सेंदवार
गले में खरास (फेरिगजाइटिस), जोड़ों में सूजन या दर्द, पीरियड्स में दर्द,
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हरश्रृंगार
साइटिका, आंव, मोटापा, बालों में रूसी, पेट की जोंक, कालाजार, खांसी, हाइपोथायराइड।
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वासक -
हर प्रकार की खांसी, ब्रोंकाइटिस, पसीने की दुर्गध, आंख आने पर, दमा, टीबी, बवासीर, पीलिया, चर्म रोग। ---------------------------
20 साल की शोध का नजीता है हर्बल सिटी का कॉन्सेप्ट :डॉ. सुरेश अग्रवाल
हर्बल सिटी का कॉन्सेप्ट आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. सुरेश अग्रवाल का है। इन्होंने 20 वर्षो तक 21 औषधीय पौधों पर शोध किया है। वे बताते हैं कि 21 पौधे आम इंसान अपने घर में नहीं लगा सकता है इसलिए केवल चार प्रकार के ऐसे पौधों का चयन किया गया है जिससे अधिक से अधिक सामान्य रोगों को ठीक किया जा सके। चारों प्रकार के सैकड़ों पौधे डॉ. सुरेश ने अपने घर के बगीचे में तैयार किए हैं।
उन्होने इस कॉन्सेप्ट को शहर के लागू करने के लिए एक टीम बनाई, इसमें डॉ. विवेक शर्मा और राजेंद्र अग्रवाल भी हैं। टीम के माध्यम से पहले वार्ड पार्षदों से मुलाकात हुई, उन्हें औषधीय पौधे भेंट भी की गई। इसके बाद डॉ. सुरेश ने डिप्टी मेयर के सामने अपने प्रस्ताव को रखा। हर्बल सिटी से संबंधित एक 10 मिनट का प्रेजेंटेशन नगर निगम की बोर्ड बैठक में दिखाया गया था।
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लोगों को जानकारी देने के लिए होगा जन जागृति कार्यक्रम -
पौधों के लग जाने के बाद डॉक्टर के साथ पार्षदों के द्वारा लोगों के बीच जन जागृति का कार्यक्रम किया जाएगा। इसके माध्यम से यह बताया जाएगा कि कौन से पौधे के किस भाग का प्रयोग किस रोग के लिए किया जा सकता है। डॉ. सुरेश खुद भी लोगों को जागरुक करने के लिए आगे आएंगे। जानकारी के लिए एक वीडियो बनाई जाएगी, जिसमें पौधों के प्रयोग के बारे में तमाम बातें होंगी।