कायदा-कानून को ठेंगा, वाट्सएप पर हवाला कारोबार
रांची के हटिया, वर्धमान कंपाउंड, पीपी कंपाउंड, अशोक नगर, लालपुर और अपर बाजार समेत बीस मोहल्लों में बेरोकटोक हवाला कारोबार चल रहा है।
रांची, फहीम अख्तर। सरकार का कानून चाहे कुछ भी कहे राजधानी राची में हवाला कारोबार न सिर्फ जिंदा है बल्कि तेजी से फल-फूल रहा है। सरकार ऑनलाइन बैंकिंग को बढ़ावा देने का ढिंढोरा पीट रही है, इसके बावजूद काले धन का धंधा बेरोकटोक चल रहा है। वह भी सोशल नेटवर्किंग मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वाट्सएप के जरिए। अब आप इसे देसी हवाला कहें या रुक्का लेकिन अवैध तरीके से नोटों के हस्तातरण हो रहा है। लाखों-करोड़ों का यह धंधा भरोसे पर चल रहा है। वह भी आयकर विभाग, अपराधियों के डर के बिना। नोटों की गड्डी दूसरे जिले या प्रदेश में चुटकी में पहुंच जाएगी।
नेता, बड़े व्यापारी, ठेकेदार ठिकाने लगा रहे ब्लैक मनी नेता, बड़े व्यापारी, ठेकेदार अपनी ब्लैक मनी इसी के माध्यम से इधर से उधर बिना रिकॉर्ड के सरका रहे हैं। शहर में अनगिनत हवाला एजेंट सक्रिय हैं। कहीं कूरियर कंपनी के नाम पर, कहीं मनी एक्सचेंज के नाम पर लाखों रुपये चुटकी में एक राज्य से दूसरे राज्यों में भेजे जा रहे हैं। विदेशी करेंसी पर भी व्यवसायियों के पैसे इंवेस्ट हो रहे हैं। विदेशी करेंसी अवैध रूप से राची में लाई जा रही है। जिसका अवैध रूप से एक्सचेंज भी कराया जा रहा है। यह सब बेहद भरोसे के तहत हो रहा है। पुलिस तक शिकायत भी नहीं पहुंचती है।
बैंकों के समानांतर चल रहा सिस्टम : हवाला एजेंट बैंकों के समानातर सिस्टम चला रहे हैं। कर्ज लेना हो या देना सब चलता है। देसी भाषा में इसे बाजार से कर्ज, कहते हैं। सूद की दर ज्यादा होती है और कम समय के लिए कर्ज उपलब्ध होता है।
वाट्सएप पर कोड के माध्यम से चल रहा धंधा : हवाला का यह कारोबार वाट्सएप कॉलिंग और मैसेज के जरिए चल रहा है। यह धंधा कोड पर चलता है। उदाहरण के लिए यहा रुपये जमा कीजिए और वाट्सएप से किसी खास नोट का नंबर उस शहर के किसी एजेंट तक पहुंच जाता है जहा राशि रिसीव करनी है। पहले यह मैनुअल चलता था। किसी नोट का आधा हिस्सा फाड़कर रख लिया और आधा पैसे की डिलीवरी लेने वाले के पास भेज दिया जाता था। ठिकाने पर दोनों टुकड़ों का मिलान कर राशि अदा कर दी जाती थी। बहुत मामूली से कमीशन पर। लेकिन अब तो वाट्सएप पर तत्काल कोड या नोट का नंबर पहुंच जाता है, बैंकों के आरटीजीएस से ट्रासफर की भाति।
गोपनीयता सर्वोपरि, कोडवर्ड्स में होती बात : साइबर फ्रॉड को लेकर बैंक अलर्ट करते रहते हैं कि ओटीपी, पासवर्ड, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, आधार का नंबर किसी से शेयर न करें। इसी तर्ज पर देसी हवाला में भी कोड की पूरी गोपनीयता रखी जाती है। बातचीत की भी अपनी भाषा है। उनके धंधे में लाख को केजी और करोड़ को टन या खोखा और ड्रम कहा जाता है।
छोटे-बड़े सब हैं ग्राहक : इस धंधे में सिर्फ बड़े ग्राहक हों ऐसा नहीं है। देसी हवाला के जरिए छोटी-छोटी राशि भी इधर से उधर होती है। बाहर कमाने गए मजदूर गाव वापस लौटते हैं तो रास्ते में पैसे सुरक्षित रहें इसे ध्यान में रखते हुए इस सेवा की मदद लेते हैं। तत्काल पैसा उनके शहर में पहुंच जाता है। धंधे से जुड़े लोग हजारों मील दूर विदेशों से कोड के आधार पर ही राज्य के गावों तक अरबों रुपये पहुंचा देते हैं। जिसकी जानकारी सिर्फ विदेशों से रकम भेजने वाले अथवा उसके परिवार वालों को ही होती है। ऐसे में देश इस गैर-कानूनी कारोबार से विदेशी करंसी से महरूम हो जाता है।
रांची में सामने आए मामले :
केस 1 : रांची में मई 2014 में आयकर विभाग ने हवाला कारोबारी हेमंत अग्रवाल को पकड़ा था। वह राज्यस्तरीय हवाला कारोबारी था। वह जेवर व्यापारियों के काले धन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाता था। वह एक कुरियर कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत था। हवाला का कारोबार उसका साइड बिजनेस था।
केस 2: जुलाई 2017 में राची के इनकम टैक्स कमिश्नर तापस दत्ता को सीबीआइ ने गिरफ्तारी किया था। उनकी हवाला कारोबार में भी संलिप्तता आई थी।
केस 3 : सितंबर 2017 में झारखंड में संजीवनी बिल्डकॉन के जरिये अरबों रुपये की ठगी कर फरार हुआ जयंत दयाल नंदी उर्फ जेडी नंदी द्वारा हवाला के जरिए मलेशिया से पैसे भेजने की बात सामने आई थी। इन पैसों से वह जमीन की ठगी के आरोप में दर्ज मामलों की पैरवी कर रहा था। सीबीआइ ने जानकारी मिलने के बाद इसकी जाच की थी।
जानें, क्या है हवाला कारोबार : हवाला के जरिए नकद धनराशि कम समय में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा दी जाती है। यह पैसों के लेनदेन का अवैध कारोबार है। बिना किसी बैंक या सरकारी सिस्टम की नजर में आए लाखों, करोड़ों रुपये एक से दूसरे शहर चले जाते हैं। लेनदेन में व्यक्तियों के नेटवर्क का इस्तेमाल होता है। हवाला में पैसे देने वाले और लेने वाले व्यक्ति के बीच कोई सीधा संवाद नहीं होता। यह काम बिचौलिए और एजेंटों के माध्यम से कोड के जरिए होता है।