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आठ हजार किमी की दूरी साइकिल से तय कर रांची पहुंची हैना

रांची अंतराष्ट्रीय हैप्पीनेस अभियान के तहत लोगों तक खुशी का संदेश पहुंचाने के

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 09:37 PM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 09:37 PM (IST)
आठ हजार किमी की दूरी साइकिल से तय कर रांची पहुंची हैना
आठ हजार किमी की दूरी साइकिल से तय कर रांची पहुंची हैना

जागरण संवाददाता, रांची: अंतराष्ट्रीय हैप्पीनेस अभियान के तहत लोगों तक खुशी का संदेश पहुंचाने के लिए लंदन की हैना साइकिल से दुनिया की सैर पर निकली हैं। नौ माह पहले वियतनाम से सफर की शुरुआत करने वाली हैना

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केर्ण शनिवार को रांची पहुंची। इस दौरान उन्होंने लगभग आठ हजार किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय की। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने रांची में टेडेक्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वहीं, उन्होंने इस सफर के दौरान आई चुनौतियों व इसके उद्ेश्य के बारे में भी विस्तार से बताया।

हैना ने कहा कि उनका उदेश्य दुनिया के लोगों तक पर्यावरण संरक्षण, एनिमल राइट्स और वूमेन इंपॉवरमेंट का संदेश पहुंचाना है। इसके लिए उन्हें यह तरीका काफी अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि अधिकतर लोगों में पैसा, पावर और स्टेट्स को मेंटेन करने की चाहत होती है। यही उनकी उदासी का कारण भी होता है। लेकिन अगर वे इन सब से बाहर निकलकर सिर्फ जरूरतों के हिसाब से जीवन जिएं तो वे काफी खुश रह सकते हैं। वर्तमान में पर्यावरण प्रदूषण को लेकर पूछे एक प्रश्न के जबाव में हैना

ने कहा कि कहना और करना दो अलग-अलग चीजें हैं। लोगों को पर्यावरण पर बात करनी चाहिए। लेकिन इससे भी अधिक जरूरी है कि वे इस दिशा में पहल करें। वियतनाम से इस तरह आई रांची वियतनाम से सफर शुरू करने के बाद हैना

पहले थाईलैंड पहुंची। वहां से लाओस, कंबोडिया होते हुए मलेशिया और फिर इंडिया पहुंची। लेकिन इंडिया आने के बाद वे बांग्लादेश चली गईं। जिसके बाद वो फिर से इंडिया आईं और फिर रांची पहुंची। सफर के लिए इसलिए चुनी साइकिल

हैना ने बताया कि साइकिल से सैर पर निकलने की पीछे की बड़ी वजह पर्यावरण संरक्षण का संदेश है। वे कहती हैं कि वे लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना चाहती हैं। ऐसे में अगर वे फ्लाइट से यह सफर करतीं। तो यह उसका उल्लंघन होता। सबसे पहले उसने सफर के लिए इलेक्ट्रिक साइकिल के बारे में सोचा, लेकिन फिर सफर के दौरान रास्तों की समस्याओं को देखते हुए नॉर्मल साइकिल से ही सफर पर निकल गईं। दिमाग मजबूत हो तो, बॉडी को कुछ नहीं होता

हजारों किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर रांची पहुंचने के बाद हैना कहती हैं कि यह सफर आसान नहीं था। इस दौरान कभी मौसम के कारण, तो लोगों के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लेकिन अगर आप दिमागी तौर पर इन सिच्यूएशन के लिए पहले से तैयार रहते हैं। तो आपकी बॉडी भी वैसी की रिएक्ट करती है। जीरो वेस्ट और एनिमल राइट्स का भी लोगों को दे रही संदेश

हैना अपनी संस्था के माध्यम से लोगों को जीरो वेस्ट और एनिमल राइट्स का भी संदेश दे रही हैं। हैना का कहना है कि अपनी खुशी के लिए जानवर को खाना गलत है। अगर आपको सचमुच की खुशी चाहिए, तो दूसरों को खुशी देना सीखिए। उन्होंने कहा कि हम चाहें तो किसी को इग्नोर करने की जगह एक स्माइल पास कर भी लोगों में खुशी बांट सकते हैं। उन्होंने बताया कि वे पिछले नौ महीने से जीरो वेस्ट पैदा कर रही हैं। सफर के दौरान भी उन्होंने इसका पूरा ध्यान रखा। इसके लिए वे साथ में कुकर आदि भी लेकर आईं हैं।


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