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सरकार हुई सख्त, हड़ताली मनरेगा कर्मियों को 48 घंटे का अल्टीमेटम

हड़ताली मनरेगा कर्मियों से काम पर लौटने की कई बार अपील कर चुकी राज्य सरकार ने अब सख्त रुख अख्तियार करते हुए उन्हें 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। अगर वे सोमवार तक काम पर नहीं लौटते हैं तो उनकी संविदा रद कर दी जाएगी और उनकी जगह दूसरे लोगों को नियोजित किया जाएगा। बता दें कि लगभग पांच हजार मनरेगा कर्मी गत 27 जुलाई से हड़ताल पर हैं। इनके हड़ताल पर जाने का सीधा असर श्रमिकों के रोजगार पर पड़ा है। मनरेगा की योजनाओं में श्रमिकों की संख्या सात लाख से घटकर साढ़े तीन लाख रह गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 12:25 AM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 06:20 AM (IST)
सरकार हुई सख्त, हड़ताली मनरेगा कर्मियों को 48 घंटे का अल्टीमेटम
सरकार हुई सख्त, हड़ताली मनरेगा कर्मियों को 48 घंटे का अल्टीमेटम

रांची : हड़ताली मनरेगा कर्मियों से काम पर लौटने की कई बार अपील कर चुकी राज्य सरकार ने अब सख्त रुख अख्तियार करते हुए उन्हें 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। अगर वे सोमवार तक काम पर नहीं लौटते हैं तो उनकी संविदा रद कर दी जाएगी और उनकी जगह दूसरे लोगों को नियोजित किया जाएगा। बता दें कि लगभग पांच हजार मनरेगा कर्मी गत 27 जुलाई से हड़ताल पर हैं। इनके हड़ताल पर जाने का सीधा असर श्रमिकों के रोजगार पर पड़ा है। मनरेगा की योजनाओं में श्रमिकों की संख्या सात लाख से घटकर साढ़े तीन लाख रह गई है।

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ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के निर्देश पर विभाग के अवर सचिव मिथिलेश कुमार नीरज ने सभी जिलों के उपायुक्तों और उप विकास आयुक्तों को इस संदर्भ में पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि कई मनरेगा कर्मियों ने हड़ताल पर जाने के बाद भी टैब, लॉग इन आईडी और अभिलेख सरेंडर नहीं किया है। लिहाजा ऐसे लोगों पर सरकारी काम में बाधा डालने से जुड़ी धाराओं का इस्तेमाल करते हुए प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

ग्रामीण विकास विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि कोविड-19 के दौर में मनरेगा के अधीन संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत काम शुरू कर श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके मद्देनजर राज्य में बिरसा हरित ग्राम योजना, नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि योजना और शहीद पोटो हो खेल विकास योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया था। इसका उद्देश्य संबंधित योजनाओं को मनरेगा से जोड़कर स्थानीय एवं प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना था। इससे पूर्व ग्रामीण विकास विभाग की ओर से हड़ताली मनरेगा कर्मियों से संवाद कर समस्या का हल निकालने की कोशिश की गई लेकिन समाधान नहीं निकला। फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित कर रोजगार सृजन का कार्य किया जा रहा है।


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