झारखंड में कल 5 अक्टूबर को सरकारी छुट्टी, सभी कार्यालय बंद रहेंगे
Jharkhand Political Updates मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन पर राज्य सरकार ने दो दिनो के राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में कल 5 अक्टूबर को सरकारी छुट्टी घोषित किया गया है। राज्यपाल के आदेश के तहत कार्मिक विभाग ने इसके लिए अधिसूचना जारी की है। इस दौरान झारखंड सरकार के अधीन सभी कार्यालय बंद रहेंगे। मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन पर राज्य सरकार ने दो दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। इसके साथ ही सोमवार को तमाम सरकारी कार्यालयों में अवकाश घोषित किया गया है।
बता दें कि कल शनिवार को झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का निधन हो गया था। वे रांची के मेडिका अस्पताल में इलाजरत थे। 73 वर्षीय हाजी हुसैन अंसारी कोरोना संक्रमण के अलावा डायबिटीज और हृदय रोग से पीडि़त थे। पहले पेसमेकर लगाने के लिए उनके हृदय का आपरेशन भी हो चुका था। वहीं, कोरोना का संक्रमण उनके फेफड़े में पहुंच गया था। अंसारी 16 सितंबर को मधुपुर से रांची आए थे। इस दौरान 17 सितंबर से शुरू हुए मानसून सत्र में भी उन्होंने भाग लिया था।
मदरसा शिक्षकों के लिए चिंतित रहते थे हाजी
मुख्यमंत्री के सलाहकार रह चुके हिमांशु शेखर चौधरी ने मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के इंतकाल की खबर पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह खबर सुनकर मैं स्तब्ध रह गया। यह मेरे लिए व्यक्तिगत आघात है। उम्र में मुझसे काफी बड़े होने के बावजूद वो सदैव मित्रवत व्यवहार रखते थे। जब भी उन्हें किसी विषय पर किसी प्रकार की सलाह मशविरा करना होता तो वो घर आ जाते या फोन कर लंबी बातचीत करते।
हाल के दिनों की ही बात है। मदरसा शिक्षकों के वेतन और पेंशन से संबंधित मुद्दे पर उन्होंने मुझसे लंबी बातचीत की। इसमें किसी मुद्दे के समाधान के प्रति उनकी बेचैनी दिखी। मुझे आज वर्ष 2013 की बातें याद आती है, जब हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री और मैं मुख्यमंत्री का राजनीतिक सलाहकार हुआ करता था। बहुत सारे मदरसों को सरकारी अनुदान तकनीकी कारणों से नहीं मिल रहा था।
हाजी साहब मुझसे सदैव इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बात कर कोई रास्ता निकालने को लेकर लगभग हर रोज बात करते और दबाव बनाते थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक मैंने हाजी साहब की बेचैनी पहुंचाई। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इस मुद्दे के हल के लिए काफी जद्दोजहद के बाद जिन मदरसों को सरकारी अनुदान नहीं मिल रहा था, उन्हें अनुदान मिले, इसके लिए सरकारी अड़चनों को दूर करने संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट से पारित किया गया। मुझे याद है कि कैबिनेट से प्रस्ताव होने के तुरंत बाद हाजी साहब मेरे गले लग गए और उन्होंने मुझसे कहा कि हिमांशु जी आपके प्रयास के लिए आपको मैं शेरवानी भेंट करूंगा।