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फिर अलग होंगे उद्योग और खान विभाग

-तीन साल पहले मर्ज हुए थे दोनों विभाग, कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा प्रस्ताव - कामकाज की

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Apr 2018 06:57 PM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 06:57 PM (IST)
फिर अलग होंगे उद्योग और खान विभाग
फिर अलग होंगे उद्योग और खान विभाग

-तीन साल पहले मर्ज हुए थे दोनों विभाग, कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा प्रस्ताव

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- कामकाज की सुविधा के मद्देनजर होगा फैसला, दोनों हैं महत्वपूर्ण विभाग

प्रदीप सिंह, रांची

कामकाज की गुणवत्ता और गति को बरकरार रखने के लिए राज्य सरकार विभागों की रचना को एक बार फिर बदलेगी। इस कवायद में कुछ दिन लग सकते हैं। इस बाबत प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है जिसके तहत उद्योग और खान विभागों को फिर से अलग-अलग कर दिया जाएगा। तीन साल पहले मिलती-जुलती प्रकृति वाले सरकारी विभागों को एक कर सरकार ने सुधारों की प्रक्रिया को गति दी थी। इसके तहत जहां कई विभागों को मिलाकर एक कर दिया गया था वहीं कुछ विभागों के नाम भी बदले गए थे। इस प्रक्रिया को तीन साल पहले अंजाम दिया गया था। बदली परिस्थिति के मुताबिक इसमें आंशिक फेरबदल की जरूरत महसूस की जा रही थी। उद्योग और खान विभाग का दायरा और कामकाज का बोझ काफी ज्यादा है। हाल के वर्षो में मोमेंटम झारखंड के तहत निवेश से जुड़े कार्यक्रमों को उद्योग विभाग ने बखूबी अंजाम दिया। रांची समेत जमशेदपुर और बोकारो में इससे संबंधित मीट सफलतापूर्वक संपन्न हुए।

इधर खान विभाग के तहत राज्य के खदानों को जल्द से जल्द निर्गत करने का दबाव केंद्र सरकार का है। कामकाज के अधिक बोझ को देखते हुए दोनों विभागों को अलग-अलग करने की प्रक्रिया आरंभ की गई है।

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43 से घटकर हुए थे 31 विभाग राज्य सरकार ने 2015 में सरकारी विभागों की संख्या 43 से घटाकर 31 करने का फैसला लिया था। इसके पीछे प्रशासनिक व्यवस्था के बेहतर प्रबंधन और मानव संसाधन के समुचित उपयोग की भावना थी। उच्च स्तर पर कई दौर की बैठकों के बाद इस बाबत निर्णय किया गया था। विभागों की संख्या घटने के साथ हीं कई विभागों के नाम भी बदले गए थे। मसलन, पर्यटन विकास विभाग का नया नाम पर्यटन, कला और संस्कृति विभाग, मानव संसाधन विभाग का नाम स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, वन विभाग का नाम बदलकर वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग रखा गया था।

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कई विभागों की संरचना में नहीं हुई थी फेरबदल

विभागों के नाम में बदलाव के साथ हीं कई विभाग इससे अछूते रहे। इसमें मंत्रिमंडल सह मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी का कार्यालय, स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण, पथ निर्माण, विधि, कल्याण, पेयजल एवं स्वच्छता, जल संसाधन, उद्योग, परिवहन, सूचना एवं जनसंपर्क शामिल है।


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