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फट पड़े फुरकान अंसारी, जमानत गंवाने वाले हमें नसीहत न दें; RPN पर निकाली भड़ास

आरपीएन सिंह प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हैं सर्वेसर्वा नहीं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ वे विश्वासघात कर रहे हैं। चार-पांच लड़के रखे हैं जो उनके साथ हां में हां मिलाते हैं

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 16 Mar 2020 07:37 AM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 05:29 PM (IST)
फट पड़े फुरकान अंसारी, जमानत गंवाने वाले हमें नसीहत न दें; RPN पर निकाली भड़ास
फट पड़े फुरकान अंसारी, जमानत गंवाने वाले हमें नसीहत न दें; RPN पर निकाली भड़ास

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के सीनियर नेता और गोड्डा से सांसद रह चुके फुरकान अंसारी राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवारी से वंचित किए जाने के बाद चुप नहीं हो रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व पर कुछ बोले बिना उनके प्रतिनिधि और प्रदेश प्रभारी पर फुरकान लगातार हमले कर रहे हैं। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की कमजोर दावेदारी सबके सामने है और अब फुरकान के बयानों से निश्चित तौर पर पार्टी उम्मीदवार के लिए सोचने का वक्त आ गया है। फुरकान अंसारी से बात की हमारे स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट आशीष झा ने। 

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पार्टी नेतृत्व की ओर से आपको चुप रहने की नसीहत दी जा रही है?

नेतृत्व की बात तो नहीं है, लेकिन प्रदेश प्रभारी निश्चित तौर पर बयानबाजी कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह को मुझे नसीहत देने की आवश्यकता नहीं है। वो अपना इलाका संभाल लें तो बहुत बड़ी बात होगी। जो आदमी लोकसभा चुनाव के दौरान खुद की जमानत नहीं बचा पाए, वो हमें क्या नसीहत देंगे। हम पुराने कांग्रेसी हैं, किसी से डरेंगे नहीं। 

आपकी बातें अनुशासनहीनता के दायरे में आ सकती हैं?

आरपीएन सिंह प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हैं, सर्वेसर्वा नहीं। आलाकमान के प्रतिनिधि के तौर पर प्रदेश में उन्हें गुटबाजी को बढ़ावा देने का कोई अधिकार नहीं है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ वे विश्वासघात कर रहे हैं। उनकी शिकायत मेरे साथ-साथ प्रदेश के कई नेता करेंगे। 

प्रदेश स्तर पर आपको किसी का साथ मिल रहा है क्या?

आरपीएन सिंह ने चार-पांच लड़के रखे हैं, जो उनके साथ हां में हां मिलाते हैं। उसके अलावा कोई भी नेता आरपीएन सिंह को पसंद नहीं कर रहा है। सभी जान रहे हैं कि आरपीएन सिंह ने पार्टी को हाईजैक कर नुकसान ही कराया है। उनके झारखंड में रहने से पार्टी को कोई फायदा नहीं हो रहा। झारखंड में जो 16 विधायक जीते हैं वे अपनी बदौलत जीते हैं। इसमें आरपीएन सिंह का कोई योगदान नहीं है। 

उम्मीदवारी नहीं मिलना ही नाराजगी का कारण है क्या?

सिर्फ मेरी बात नहीं है। उनके निर्णयों से पार्टी को लगातार नुकसान हुआ है। झारखंड में जो भी पार्टी का नुकसान करेगा हम उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। दो वर्षों से अधिक समय से आरपीएन सिंह झारखंड में सक्रिय हैं। इतने दिनों में कभी भी उन्होंने संगठन का पूरी तरह से गठन नहीं होने दिया। इसके पूर्व भी जो अध्यक्ष थे उनके समय भी संगठन का पूरा गठन नहीं हो सका था और अभी संगठन आधा-अधूरा पड़ा है। पार्टी को कोई जेब में लेकर चले, इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। 

आप पर कार्रवाई करने की बात भी कही गई है?

कार्रवाई कर लें और कार्रवाई के लिए तैयार भी रहें। हम भी उनकी शिकायत आलाकमान से करेंगे। वे ऐसे नेता नहीं जिनकी शिकायत नहीं की जा सकती है। हम लोग सोनिया गांधी और राहुल गांधी के प्रति वफादार हैं, वे नहीं।


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