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Jagannath Mishra Death: चारा घोटाला के दो मामलों में बरी हुए थे जगन्नाथ मिश्र

Jharkhand. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र चारा घोटाला के दो मामलों में बरी हुए थे। उनके निधन के बाद मामला स्वत ही समाप्त हो जाएगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 08:28 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 07:40 AM (IST)
Jagannath Mishra Death: चारा घोटाला के दो मामलों में बरी हुए थे जगन्नाथ मिश्र
Jagannath Mishra Death: चारा घोटाला के दो मामलों में बरी हुए थे जगन्नाथ मिश्र

रांची, [मनोज कुमार सिंह]। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र भी लालू प्रसाद के साथ चारा घोटाला मामले में आरोपित थे। इनके खिलाफ कुल छह मामले दर्ज हुए थे, जिनमें लालू प्रसाद व जगन्नाथ मिश्र सहित अन्य राजनीतिज्ञों को आरोपित बनाया गया। जगन्नाथ मिश्र के निधन के साथ ही उनके खिलाफ चल रहे चारा घोटाले से संबंधित सारे मामले समाप्त हो गए। हालांकि इसमें औपचारिकता बची हुई है। अब उनके निधन की सूचना अदालत को देनी होगी जिसके बाद अदालत उनके मामले को अलग करते हुए उसे समाप्त कर देगी।

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चाईबासा मामले में सबसे पहले मिली सजा

चाईबासा के दो मामले, दुमका, डोरंडा और देवघर मामले में जगन्नाथ मिश्र को आरोपित बनाया गया था। फिलहाल बिहार के भागलपुर और रांची के डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में अभी सुनवाई चल रही है। सीबीआइ की विशेष अदालत ने तीन अक्टूबर 2013 चाईबासा (आरसी 20ए/96) के मामले में सबसे पहले सजा सुनाई थी। इस मामले में लालू प्रसाद को पांच साल और जगन्नाथ मिश्र को चार साल की सजा सुनाई गई थी।

इसके बाद 23 दिसंबर 2017 को देवघर (आरसी-64ए/96) मामले में सीबीआइ कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। फिर 24 जनवरी 2018 को चाईबासा (68ए/96) के मामले में सीबीआइ कोर्ट ने उन्हें पांच साल की सजा सुनाई। वहीं, 25 मार्च 2018 को दुमका (38ए/96) मामले में उन्हें बरी कर दिया गया।

20 मई 2019 को कोर्ट में पेश हुए थे जगन्नाथ मिश्र

डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये के अवैध निकासी मामले में 20 मई 2019 को बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश हुए। वे सुबह 10 बजे ही विशेष जज प्रदीप कुमार के सामने पेश हुए। अभियोजन पक्ष की ओर से जब जिरह किया जा रहा था तब पूर्व सीएम चुपचाप अदालती कार्रवाई देख रहे थे। इस दौरान सीबीआइ की ओर से घोटाला से संबंधित कई दस्तावेज पेश किए गए।

दरअसल 15 मई को सुनवाई के दौरान विशेष जज प्रदीप कुमार ने सभी आरोपितों को अदालत में पेश होने का आदेश जारी किया था। लेकिन उन्होंने बीमारी का हवाला देते हुए दूसरे दिन पेश होने की गुहार लगाई थी जिसे अदालत ने स्वीकार भी कर लिया था। उनकी पेशी के बाद अदालत ने सभी आरोपितों को अपना बयान दर्ज करने की तिथि निर्धारित की थी। जगन्नाथ मिश्र का भी बयान दर्ज किया जाना था, लेकिन इससे पहले ही उनका निधन हो गया।

देवघर कोषागार मामले में सीबीआइ ने दाखिल की है अपील

देवघर कोषागार मामले में डॉ. जगन्नाथ मिश्र को बरी किए जाने के खिलाफ सीबीआइ ने झारखंड हाई कोर्ट में अपील याचिका दाखिल की है। जिसमें उनके बरी किए जाने को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि इस मामले में लालू प्रसाद सहित अन्य को सजा मिली है। राजनीतिज्ञों पर उच्चस्तरीय षडय़ंत्र करने का आरोप है, ऐसे में उनके बरी किए जाने के आदेश को निरस्त किया जाए।

अपील जारी रखने के लिए आवेदन दे सकते हैं परिजन

डॉ. जगन्नाथ मिश्र के निधन के बाद अब उनके परिजनों के पास एक कानूनी विकल्प बचता है। जिस तरह से चारा घोटाला मामले में दो मामलों में उनको बरी कर दिया गया है। अगर उनके परिजन डॉ. जगन्नाथ मिश्र पर लगे इस दाग को सदा के लिए हटाना चाहते हैं, तो एक याचिका दाखिल कर अपील पर सुनवाई जारी रख सकते हैं क्योंकि डॉ. जगन्नाथ मिश्र के निधन के बाद उनके खिलाफ चल रहे चारा घोटाले के सभी मामले समाप्त हो जाएंगे, लेकिन अगर उनकी अपील याचिका पर सुनवाई जारी रखनी है, तो उनके कानूनी हकदार को हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर अपील पर सुनवाई की गुहार लगाई जा सकती है।


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