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Forest Department : सूखे पेड़ के पास से गुजरता है करंट प्रवाहित तार, सब कुछ जान कर भी अनदेखी कर रहा है वन विभाग

Forest Department पेड़-पौधे धरती पर जीवन का एक मजबूत आधार है। लेकिन पेड़ जब सूख जाते हैं तो वन विभाग सूखे हुए वृक्षों(Dry Trees) को काटकर तत्काल हटा देता है। ताकि सूखे पेड़ के गिरने से जान-माल की क्षति ना हो सके।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 04:12 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 04:12 PM (IST)
Forest Department : सूखे पेड़ के पास से गुजरता है करंट प्रवाहित तार, सब कुछ जान कर भी अनदेखी कर रहा है वन विभाग
Forest Department : सूखे पेड़ के पास से गुजरता है करंट प्रवाहित तार

इटखोरी (चतरा) संवाद सहयोगी। Forest Department : पेड़-पौधे धरती पर जीवन का एक मजबूत आधार है। इसीलिए वृक्ष जब तक हरे-भरे रहते हैं, तब तक वृक्षों(Trees) का समुचित संरक्षण होता है। लेकिन पेड़ जब सूख जाते हैं तो वन विभाग सूखे हुए वृक्षों(Dry Trees) को काटकर तत्काल हटा देता है। ताकि सूखे पेड़ के गिरने से जान-माल की क्षति ना हो सके। लेकिन चतरा-चौपारण(Chatara-Chauparan) तथा इटखोरी-हजारीबाग पथ(Itkhori-Hazaribagh Road) में वन विभाग ने सूखे हुए वृक्षों को ऐसे ही छोड़ दिया है। इन दोनों महत्वपूर्ण रास्तों के किनारे मौजूद सूखे हुए पेड़ मौत बनकर खड़े हैं। वर्षों पूर्व सुख चुके सड़क के किनारे के पेड़ अक्सर टूट कर गिरते रहते हैं। कुछ दिनों पूर्व इटखोरी थाना(Itkhori Police Station) के पास सड़क किनारे सूखा हुआ एक पेड़ जड़ समेत उखड़ कर गिर गया था। सौभाग्य से उस वक्त वहां से कोई वाहन नहीं गुजर रहा था। अन्यथा बड़ी दुर्घटना हो सकती थी।

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मौजूद पेड़ के अगल-बगल से ही गुजरता है करंट प्रवाहित विद्युत तार:

वर्तमान समय में भी सड़क के किनारे सूखे हुए कई पेड़ बड़ी दुर्घटना(Accident) को आमंत्रित करते नजर आ रहे हैं। सबसे खतरनाक स्थिति थाना के सामने तथा सिन्हा मेडिकल हाल(Sinha Medical Hall) के समीप सड़क के किनारे खड़े सूखे हुए दोनों पेड़ की बनी हुई है। जिस स्थान पर यह दोनों सूखे हुए पेड़ मौजूद हैं उसके अगल बगल से ही 11 हजार तथा फोर फोट्टी वोल्ट का करंट प्रवाहित विद्युत तार(Electrical Wire) भी गुजरा हुआ है। ऐसी स्थिति में दुर्भाग्य से किसी दिन अगर सुखा हुआ पेड़ गिरा तो किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है। दोनों सूखे हुए पेड़ शीशम के हैं। शीशम की लकड़ी कीमती मानी जाती है। इसके बाद भी वन विभाग सूखे हुए शीशम के वृक्षों को हटाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।

क्या है सूखे हुए पेड़ को काटने का प्रावधान :

सूखे हुए पेड़ को काटने के लिए वन विभाग ने नियम बनाकर रखा है। इसके लिए वन कर्मी समय-समय पर सर्वे के माध्यम से सूखे हुए वृक्षों की गिनती करते रहते हैं। सर्वे का काम पूरा हो जाने के बाद वन कर्मी वरीय अधिकारियों को सूखे वृक्षों की जानकारी देकर उसे काटने का आदेश प्राप्त करते हैं। सूखे हुए पेड़ को काटकर वन विभाग अपने अधीन रखता है। बाद में उसकीं निलामी कर दी जाती है।


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