समाज ने आपको बहुत दिया, अब वापस करने की बारी
जागरण संवाददाता रांची उच्च शिक्षा निदेशक सुशात गौरव ने कहा कि आज सपने की शुरुआत ह
जागरण संवाददाता, रांची : उच्च शिक्षा निदेशक सुशात गौरव ने कहा कि आज सपने की शुरुआत होने का दिन है। ज्ञान प्राप्त करने की प्रक्रिया सतत है। कहा, विवि व समाज ने आपको बहुत कुछ दिया है, अब इसे वापस करने की बारी है। कुछ ऐसा करें कि लोग आपको उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत करे। वे शुक्रवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विवि के पहले दीक्षा समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे।
निदेशक ने ऑडिटोरियम में छात्राओं की अधिक संख्या देखकर कहा कि यह महिला सशक्तीकरण को दर्शा रहा है। समारोह में तीन विद्यार्थियों को गोल्ड सहित 95 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. धनंजय वासुदेव द्विवेदी व धन्यवाद ज्ञापन परीक्षा नियंत्रक डॉ. पीके प्रधान ने किया। मौके पर रजिस्ट्रार डॉ. एनडी गोस्वामी, डीएसडब्ल्यू डॉ. नमिता सिंह सहित अन्य थे। 95 विद्यार्थियों को दी गई उपाधि
समारोह में दो पीजी डिप्लोमा कोर्स और एक सर्टिफिकेट कोर्स सहित 95 छात्रों को उपाधि प्रदान की गई। इसमें पीजी डिप्लोमा हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्स के 14 स्टूडेंट, पीजी डिप्लोमा काउंसिलिंग एंड गाइडेंस के 37 व यूजी अमानत सर्टिफिकेट कोर्स के 44 विद्यार्थी थे। तीन गोल्ड मेडलिस्ट में से दो ही कार्यक्रम में पहुंचे थे। प्रमाणपत्र लोगों को जोड़ने वाला हो
डीएसपीएमयू के कुलपति डॉ. सत्यनारायण मुंडा ने कहा कि आपका प्रमाणपत्र लोगों को जोड़ने वाला होना चाहिए। खुद को इस रूप में प्रस्तुत करें कि पूरी दुनिया में डीएसपीएमयू का नाम हो।
वीसी ने कहा कि आपके सामने चुनौतियां भी होंगी, लेकिन इससे निकल कर आप बेहतर करेंगें, ऐसा मेरा विश्वास है।
समारोह में डॉ. अनंत सिन्हा ने कहा कि विवि का काम हो गया। अब आपका काम है। अब लोग आपको सर और मैडम के नाम से पुकारेंगे। इसलिए इसकी गरिमा भी बनाए रखना होगा।
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गोल्ड मेडलिस्ट ने कहा
मैं सरला-बिरला स्कूल में काउंसेलर के तौर पर कार्यरत हूं। इसी क्षेत्र में आगे बढ़ना है। मेरे पिता सुरेंद्र कुमार रिनपास में कार्यरत हैं और मां उषा देवी गृहिणी हैं। शिक्षक व माता-पिता के आशीर्वाद से यह सफलता मिली है।
ज्योति रोहिला, पीजी डिप्लोमा इन गाइडेंस काउंसेलिंग -मैं प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं। गोल्ड पा कर काफी खुश हूं। सफलता में एचओडी डॉ. नलिनीकांत महतो और शिक्षक डीसी मिश्रा का सहयोग व माता-पिता का आशीर्वाद रहा। अब खूब मेहनत कर नौकरी प्राप्त करनी है।
संतोष कुमार राम, अमानत सर्वे