Move to Jagran APP

वित्त सचिव ने बैंकों को दी चेतावनी, कहा-सुधरें नहीं तो दूसरी जगह रखेंगे सरकारी पैसा

बैंकों की लापरवाही के कारण राज्य सरकार के सौ करोड़ रुपये दूसरे खाते में चले गए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 03:40 AM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 06:19 AM (IST)
वित्त सचिव ने बैंकों को दी चेतावनी, कहा-सुधरें नहीं तो दूसरी जगह रखेंगे सरकारी पैसा
वित्त सचिव ने बैंकों को दी चेतावनी, कहा-सुधरें नहीं तो दूसरी जगह रखेंगे सरकारी पैसा

जागरण संवाददाता, रांची : बैंकों की लापरवाही के कारण राज्य सरकार के सौ करोड़ रुपये दूसरे खाते में चले गए। सरकार की विभिन्न योजनाओं का पैसा बैंकों में रखा जाता है। ये सभी बैंकर जानते हैं। जिसपर अधिक सतर्कता बरती जानी चाहिए। लेकिन हाल ही में तीन-चार मामले ऐसे आए हैं, जिसमें कहीं 12 करोड़ दूसरे खाते में चले गए हैं, कहीं 6 करोड़ दूसरे खाते में चले गए हैं।

loksabha election banner

वित्त सचिव सत्येंद्र सिंह मंगलवार को होटल रेडिशन ब्लू में आयोजित 69वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में बोल रहे थे। इस दौरान वे बैंक अधिकारियों पर खूब बिफरे। उन्होंने कहा, पहले बैंकों का काम मैन्युअल होता था। लेकिन अब कंप्यूटराइज्ड हो गया है। इससे काम आसान हुआ है। लेकिन चीजें आसान होने के बाद लोग इग्नोर करना शुरू कर देते हैं। यही बैंकों में लापरवाही की वजह है। मेकर्स, चेकर की व्यवस्था इसलिए बनाई गई है कि मेकर्स बनाएं तो चेकर्स चेक करे।

उन्होंने कहा, इस तरह के मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार चिंतित है। इसलिए सरकार सोच रही है कि बैंकों को हटाकर कोई और व्यवस्था की जाय। यही नहीं उन्होंने बैंक अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि चुनाव आयोग जो भी जानकारी मांगे वह समय पर उपलब्ध कराया जाए। वोटरों को प्रभावित करने के लिए धन के दुरूपयोग की शिकायतें आती हैं। इसलिए चुनाव आयोग की गाइडलाइन फॉलो करें। इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही अपर मुख्य सचिव द्वारा बैंकों को भेजे गएसर्कुलर का अनुपालन सुनिश्चित करने को भी कहा गया। सरकारी योजनाओं के खाते किसी व्यक्ति के नाम पर ना खोले जाएं..

कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिसमें सरकारी योजनाओं का खाता किसी व्यक्ति के नाम पर खोला गया है। सरकारी योजनाओं के खाते ऑफिस के नाम पर खोलें। योजनाओं का खाता व्यक्तिगत तौर पर ना खोलें। कहा कि फ्रॉड के जो मामले सामने आते हैं वो बैंकिंग सिस्टम पर सवाल है। बैंक अधिकारियों में जितनी गंभीरता होनी चाहिए नहीं है। वित्त सचिव ने कहा कि सरकारी खातों की कोडिंग की जाय। जिससे कभी भी शाखा, बैंक वाइज सरकार रिपोर्ट लेनी चाहे, तो ले सके। चतरा एलडीए को भी लताड़ लगाई : बैठक के दौरान बीएलबीसी की बैठक नहीं कराने को लेकर चतरा एलडीएम को भी लताड़ लगाई गई। वित्त सचिव ने कहा कि राज्य के 14 जिलों में ही बीएलबीसी की बैठक हुई है। एलडीएम अगर नियमित रूप से बैठक करें, तो समस्याओं यही खत्म हो जाएंगी और लक्ष्य भी आसानी से हासिल किया जा सकेगा। खातों में आधार व मोबाइल नंबर सीडिंग में भी अटके

उन्होंने कहा कि एक समय झारखंड पूरे देश में आधार व मोबाइल नंबर सीडिंग में अग्रणी था। लेकिन अभी फिर से वहीं आ गया है। जेएसएलपीएस के सीईओ राजीव कुमार ने कहा कि राज्य में 2 लाख 36 हजार सखी मंडल का गठन हो चुका है। लेकिन अभी 46 हजार एसएचजी ग्रुप का बैंक खाता नहीं खुला है। इससे उन्हें एनआरएलएम के तहत मिलने वाले योजनाओं राशि नहीं मिल पा रही है। बड़ी लेन-देन की दें जानकारी

आयकर विभाग के संयुक्त निदेशक मनीष कुमार झा ने कहा कि राज्य में आचार संहिता लागू है। चुनाव के दौरान ब्लैक मनी को कंट्रोल किया जा सके। इसके लिए बैंक किसी भी प्रकार के बड़े लेन-देन की जानकारी तुरंत साझा करें। सीडी रेशियो में 3.5 प्रतिशत की कमी

पिछले साल इसी तिमाही के मुकाबले इस साल सीडी रेशियो में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। एसएलबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल सिंतबर में क्रेडिट जमा अनुपात 59.31 था, जो राष्ट्रीय बेंचमार्क से मात्र 0.69 कम था। वहीं, इस साल अनुपात 55.80 रहा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.