4 दिन बाद पत्थलगड़ी समर्थकों के चंगुल से मुक्त हुए अपहृत 4 जवान
-लूटे गए हथियार, गोली, मैगजीन और वर्दी भी बरामद -26 जून को सांसद कडि़या मुंडा के घर
-लूटे गए हथियार, गोली, मैगजीन और वर्दी भी बरामद
-26 जून को सांसद कडि़या मुंडा के घर से किया गया था अपहरण
-अब तक जानकारी थी कि तीन जवान ही हुए अगवा, छूटे चार
-चौथे ने ले रखी थी छुट्टी, पुलिस मान रही थी चला गया घर
-अगवा जवानों से यूसुफ पूर्ति और दूसरे नेताओं की ली जा रही जानकारी जागरण संवाददाता, खूंटी : खूंटी के चांडीडीह स्थित सांसद कड़िया मुंडा के आवास से अपहृत चारों सुरक्षा गार्ड शुक्रवार अल सुबह करीब तीन बजे सकुशल साइको थाना लौटे गए। ये जवान पिछले चार दिनों से पत्थलगड़ी समर्थकों के कब्जे में थे। भारी पुलिस बल उनकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही थी। पुलिस ने लूटी गई तीन इंसास रायफल, गोली, मैगजीन और वर्दी भी बरामद कर ली है। दो मैगजीन अब भी मिसिंग है।
सांसद कड़िया मुंडा के आवास से अगवा किए गए तीन जवानों के साथ एक अन्य पुलिसकर्मी नागेंद्र ¨सह को भी पत्थलगड़ी समर्थक अपने कब्जे में रखे हुए थे। हालांकि इस बात की जानकारी न तो पुलिस को थी न ही मीडिया को। दरअसल, नागेंद्र सिंह ने छुट्टी ले रखी थी। ऐसे में पुलिस मान रही थी कि वह अपने घर चला गया। लेकिन, पत्थलगड़ी समर्थकों ने उसे भी अगवा कर लिया था।
पूरे अभियान की मॉनिट¨रग आइजी नवीन कुमार सिंह और डीआइजी एवी होमकर खुद कर रहे थे। सुरक्षाकर्मियों की सकुशल रिहाई के बाद पुलिस अब उन जवानों से यह जानकारी हासिल करने के प्रयास में जुटी है कि उन्हें कहां छिपा कर रखा गया था और पत्थलगड़ी का मास्टरमाइंड यूसुफ पूर्ति व अन्य नेता कहां छिपे हुए हैं।
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अपहरण के बाद जवानों की जगह बदलते रहे पत्थलगड़ी समर्थक :
शुक्रवार को जिला मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए पुलिस महानिरीक्षक नवीन कुमार सिन्हा ने कहा कि पत्थलगड़ी समर्थकों ने चार जवानों सुबोध कुजूर, सियोन सुरीन, विनोद करकेट्टा और नागेंद्र ¨सह को अगवा किया था। पत्थलगड़ी समर्थक अपहृतों को सबसे पहले घाघरा ले गएा। वहां से अगवा जवानों की जगह लगातार बदलते रहे।
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चौथे जवान के अगवा होने की नहीं थी जानकारी :
आइजी ने कहा कि 26 जून को सांसद कड़िया मुंडा के आवास पर हमला कर चार सुरक्षाकर्मियों को अगवा कर लिया था। हथियार भी लूट लिए थे। घटना के बाद मैं और डीआइजी वहां गए, तो पता चला था कि तीन सुरक्षा गार्डो को हथियार के साथ अगवा कर लिया गया है। बाद में पता चला था कि एक जवान पानी पीने गया था। उसी दौरान पत्थलगड़ी समर्थकों ने उसे घेर लिया और अगवा कर लिया था। इसके बारे में हमलोगों को जानकारी नहीं थी। पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा जो वीडियो जारी किया गया था उसमें भी तीन सुरक्षाकर्मियों को दिखाया गया था।
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बातचीत नहीं, ¨हसा था उनका मकसद
बकौल आइजी, हमलोग ग्रामसभा से बातचीत के लिए तैयार थे। पर, पत्थलगड़ी समर्थक बार-बार बोल रहे थे कि पांच लोग वार्ता के लिए आएं। इसमें कहीं न कहीं और पांच लोगों को बंधक बनाने की संभावना लग रही थी। इससे पहले भी इन लोगों ने ऐसा किया है। यही उनकी रणनीति थी। अगर उन्हें बातचीत करनी थी तो हमारे जवानों को रात के अंधेरे में वहां से क्यों हटाया। वे बातचीत करना ही नहीं चाहते थे। जानबूझकर जवानों पर पथराव किया था। उनकी योजना ¨हसा करवाने की थी।
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