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बंजर जमीन को किया हरा भरा, स्ट्राबेरी की खेती कर हजारों में कमा रहे मुनाफा, लोगों के लिए बने नजीर

Ramgarh News आम बागवानी मिशन के तहत ही दोहाकातु के गुलशन बेदिया पहले लाभुक हैं जो जिले के अन्य लाभुकों के लिए नजीर बने। उन्होंने मुख्यमंत्री बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत मिश्रित खेती के दौरान स्ट्राबेरी की खेती कर बेहतर लाभ कमाया।

By Madhukar KumarEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 09:36 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 09:36 AM (IST)
बंजर जमीन को किया हरा भरा, स्ट्राबेरी की खेती कर हजारों में कमा रहे मुनाफा, लोगों के लिए बने नजीर

रामगढ़, जागरण संवाददाता। आर्थिक प्रगति व गरीबी उन्नमूलन निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। वर्ष 2000 में राज्य गठन व वर्ष 2007 में जिला गठन के साथ ही रोजगार सृजन पर ज्यादा जोर दिया जाता रहा, जो अब भी जारी है। जिला स्तर पर प्रशासनिक पहल भी इसमें सहभागी बनी। सरकार की इसी महत्वपूर्ण कड़ी में रामगढ़ जिले के दोहाकातु पंचायत अंतर्गत दोहाकातु गांव के गुलशन बेदिया व दुलमी प्रखंड अंतर्गत जमीरा पंचायत के शौकत अंसारी इसके बड़े उदाहरण है। 

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बागवानी से हजारों का मुनाफा

आम बागवानी मिशन के तहत ही दोहाकातु के गुलशन बेदिया पहले लाभुक हैं, जो जिले के अन्य लाभुकों के लिए नजीर बने। उन्होंने मुख्यमंत्री बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत मिश्रित खेती के दौरान स्ट्राबेरी की खेती कर बेहतर लाभ कमाया। इसके अलावा वे अपने खेत में हरी सब्जियां भी उगा रहे हैं। इसी तरह जमीरा पंचायत निवासी शौकत अंसारी ने आम बागवानी योजना का लाभ लेते हुए, जिससे फसल के तहत मिर्ची की खेती कर 50 हजार रुपये से अधिक आय प्राप्त की।

बागवानी के लिए वरदान बनी बंजर जमीन

मुख्यमंत्री बिरसा हरित ग्राम योजना या बागवानी योजना या फिर आम बागवानी ने बंजर जमीन के लिए वरदान साबित हुईं। जहां आम बागवानी के साथ-साथ लाभुक अपनी बंजर जमीन पर मिश्रित खेती कर समृद्ध हुए हैं। इसी तरह मनरेगा में जिले के 90 हजार सक्रिय मजदूरों को सौ दिनों का रोजगार सुश्चित किया गया है। इसके तहत पूरे राज्य में रामगढ़ जिला राेल माड़ल बना है। जिले के मजूदरों को सौ दिनों का रोजगार देने में झारखंड में रामगढ़ जिला अव्वल आया है।

मनरेगा के तहत लोगों को मिला रोजगार

यहां मनरेगा के तहत जल संरक्षण के उद्देश्य से कुआं, डोभा व तालाब का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा पशु शेड मसलन, गाय, बकरी, मुर्गी, शुकर शेड का भी निर्माण मजदूरों द्वारा कराया जाता है। इसके तहत कुशल मजदूर को प्रत्येक 429 रुपये की दर पर, अर्द्ध कुशल मजदूर को 326 रुपये तथा मजदूरों को प्रतिदिन 225 रुपये के हिसाब से मजदूरी का भुगतान किया जाता है। इसे जानकार आर्थिक प्रगति व गरीबी उन्नमूलन की सतत यात्रा भी बताते हैं। इस संबंध में मनरेगा प्रभारी विजय कुमार ने कहा कि सरकार की योजनाओं से लगातार लाभुकों को जोड़ा जा रहा है। मनरेगा तो महत्वाकांक्षी योजना है ही, इसमें आम बागवानी योजना ने लाभुकों में आर्थिक समृद्धि लाई है।

स्ट्राबेरी व मिश्रित खेती कर लाभुकों को काफी फायदा हुआ है। दोहाकातु के गुलशन बेदिया पहले लाभुक हैं जो जिन्होंने स्ट्राबेरी की खेती कर लाभ उठाया। इसके अलावा अंत: फसल भी इनकी समृद्धि का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

नागेंद्र कुमार सिन्हाडीडीसी, रामगढ़।


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