टेली कॉंफ्रेंसिंग के जरिये अब जेल में बंद कैदी से बात कर सकेंगे परिजन
अगले वर्ष से जेल में बंद कैदियों से मुलाकात करने के लिए उनके परिजनो को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से सुविधा मिलेगी। इसकी तैयारी की जा रही है।
नीलमणि चौधरी, रांची
अगले वर्ष से जेल में बंद कैदियों से मुलाकात करने के लिए उनके परिजनों को जेल के चक्कर नहीं काटने होंगे। अब गांव के ही प्रज्ञा केंद्र व जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) के लीगल सर्विस क्लीनिक से परिजन जेल में बंद कैदी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात कर सकते हैं। जरूरत पड़ने पर हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ताओं से टेलीफोन पर कानूनी सलाह भी ले सकते हैं। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण(नालसा)के स्कीम के तहत रांची सहित राज्य के 18 जिलों में इसकी शुरुआत की जा रही है। 2016 में बिहार, उत्तरप्रदेश से इसकी शुरुआत की गई थी। झारखंड में झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार(झालसा) की निगरानी में जिला विधिक सेवा प्राधिकार(डालसा)के द्वारा इसका संचालन किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार डालसा सचिव इसके नोडल अधिकारी होंगे। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। रांची जिले के विभिन्न प्रज्ञा केंद्रों के अलावा डालसा के 46 सुविधा केंद्रों में इसकी शुरुआत की जाएगी। सुविधा का नाम टेली लॉ सर्विस रखा गया है। योजना का मकसद सुदूर गांव के लोगों को न्यूनतम खर्च में सुलभ कानूनी सहायता मुहैया कराना है। जनवरी के प्रथम सप्ताह में रांची सिविल कोर्ट स्थित डालसा कार्यालय में इसके लिए अत्याधुनिक सर्विस केंद्र आरंभ होगा। 10 मास्टर ट्रेनर की सूची झालसा को भेजी गई
वर्तमान में डालसा के अंतर्गत 46 लीगल सर्विस क्लीनिक, 96 पैनल लॉयर, 130 पारा लीगल वालंटियर कार्यरत हैं। टेली लॉ सुविधा प्रदान करने के लिए विशेष ट्रेनिंग की आवश्यकता है। इसको ध्यान में रखते हुए पिछले माह डालसा की ओर से 10 मास्टर ट्रेनरों की सूची झालसा को भेजी गई है। ये मास्टर ट्रेनर पैनल लॉयर, पारा लीगल वालंटियर को ट्रेंड करेंगे। वहीं, प्रज्ञा केंद्र पर भी डालसा की ओर से पारा लीगल वालंटियर की तैनाती की जाएगी।
सुविधा के लिए देना होगा आवेदन
कोई भी नागरिक टेली लॉ सर्विस का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए नजदीक के प्रज्ञा केंद्र अथवा डालसा द्वारा संचालित लीगल सर्विस क्लीनिक पहुंचकर आवेदन दे सकते हैं। आवेदन के बाद केंद्र में तैनात पारा लीगल सर्विस संबंधित व्यक्ति तक उनकी बातों को पहुंचाएगा। टेली लॉ सर्विस के लिए शुल्क पर हो रही माथापच्ची
जेल में बंद कैदियों से वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिये बात अथवा टेली लॉ सर्विस के लिए कितने शुक्ल लगेंगे यह अभी तय नहीं हुआ है। चुनाव संपन्न होने के बाद इस निर्णय लिया जाएगा। संभावना जतायी जा रही है कि महिला, बच्चे, दिव्यांग व एससी/एसटी को सुविधा के लिए 30 रुपये चुकाने होंगे। इसके अलावा टेली लॉ सर्विस इंटरनेट के माध्यम से भी प्राप्त कर सकते हैं। टेली लॉ के पब्लिक पोर्टल बनाया गया है। पांच भाषा अंग्रेजी, हिदी, उर्दू, बंगाली, असमिया भाषा में आवेदक को सुविधा मिलेगा।
मास्टर ट्रेनर के लिए इनका नाम भेजा गया है
डालसा ने मास्टर ट्रेनर के लिए वकील कुमारी पूनम सिंह, मनीष कुमार सिन्हा, नित्यानंद सिंह, राजेश कुमार सिन्हा, रवि शंकर प्रसाद, समीर कुमार, संजय कुमार शर्मा, संजीव कुमार पाठक, सेवा चक्रवर्ती, सुरोजीत कुमार रॉय का नाम झालसा को भेजा है।