गो पालन से परिवार और समाज बनेगा समृद्ध
रांची गो पालन धर्म के साथ जीविकोपार्जन का सशक्त माध्यम है। गाय पालने से परिवार में समृद्धि आती है।
जागरण संवाददाता, रांची : गो पालन धर्म के साथ जीविकोपार्जन का सशक्त माध्यम है। गाय पालने से परिवार में समृद्धि आती है। गाय के दूध तो फायदेमंद है ही इसका मूत्र और गोबर भी काफी उपयोगी है। इन गुणों को देखते हुए ही गाय का स्थान देवाताओं के समतुल्य माना गया है। श्रीकृष्ण अपने हाथों से गाय की सेवा किया करते थे। यह बातें सोमवार को होटल बीएनआर में झारखंड प्रादेशिक गौशाला संघ के वार्षिक सम्मेलन में संबोधित करते हुए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कही। उन्होंने कहा कि गोमूत्र व गोबर कृषि के लिए अमृत समान है। गो मूत्र औषधि के रूप में उपयोग होता है। उन्होंने कहा कि खेती में तकनीक का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हो रहा है। परंतु छोटे किसान कृषि कार्य में बछड़े का इस्तेमाल कर सकते हैं। पारंपरिक खेती व जैविक खाद के प्रयोग के लिए किसानों को प्रेरित करने की आवश्यकता है। गो सेवा आज भी दिनचर्या मेंशामिल
राज्यपाल ने कहा कि मेरा बचपन गांव व गायों के बीच बीता। परिवार में काफी गाए रहती थी। वह दिनचर्या आज भी कायम है। सुबह में उठने पर सबसे पहले गो माता की सेवा करती हूं। गौ माता को गुड़ रोटी देकर ही नास्ता करतीं हूं। आयोग गठन कर अध्यक्ष नियुक्त करना भूल गई सरकार
झारखंड प्रादेशिक गौशाला संघ के अध्यक्ष आरके अग्रवाल ने कहा कि झारखंड में आयोग का गठन हुआ लेकिन अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई। गौ माता के दर्द को समझना होगा। झारखंड में गोवंश के इलाज के लिए अस्पताल नहीं है। पकड़ी गई गायों को रखने के लिए गौ शाला भी नहीं है । सरकार बजट का कुछ अंश गौ माता के लिए अवश्य खर्च करें। विभिन्न मांगों को गौशाला संघ की ओर से राज्यपाल को 13 सूत्री ज्ञापन सौंपा गया। राज्यपाल से राज्य की 27 गौशालाओं को सरकार 270 गौशालाओ में तब्दील करने, गो मंत्रालय बनाने की मांग, गोधन आयुष्मान योजनाएं शुरू करने, गौ माता वेलफेयर फंड, जैविक खाद सरकार खरीदें, गौशाला की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने आदि की मांग की गई। राज्यपाल ने कहा कि गौशाला की जमीन अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। आप जमीन का डिटेल दीजिए सरकार कार्रवाई करेगी। मौके पर महासचिव अनिल मोदी, संयुक्त सचिव प्रमोद सारस्वत, झारखंड जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य कन्हैया लाल कननु, सुरेंद्र अग्रवाल ,ध्रुब संथालिया, चतुर्भुज खेमका, महेंद्र भगनिया आदि उपस्थित थे। नई कमेटी का हुआ गठन
कार्यक्रम में पुरानी कमेटी को भंग कर सर्वसम्मति से राजकुमार अग्रवाल को अध्यक्ष चुना गया। पदाधिकारियों सहित कमेटी विस्तार का जिम्मा भी नवनिर्वाचित अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल को दिया गया है।