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पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाएं बरकरार रखेगी सरकार

राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाएं बरकरार रखने की कोशिश करेगी। सरकार का मानना है कि झारखंड नक्सल प्रभावित राज्य है। यहां के पूर्व मुख्यमंत्रियों को विशेष सुविधाएं दिया जाना जरूरी है। नक्सली पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार पर हमला कर चुके हैं। दो विधायक नक्सली घटनाओं में मारे गए हैं। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित बंगला, गाड़ी और सुरक्षा को वापस लिया जाना सही नहीं होगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 05:49 AM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 05:53 AM (IST)

अमन कुमार, रांची। राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाएं बरकरार रखने की कोशिश करेगी। सरकार का मानना है कि झारखंड नक्सल प्रभावित राज्य है। यहां के पूर्व मुख्यमंत्रियों को विशेष सुविधाएं दिया जाना जरूरी है। नक्सली पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार पर हमला कर चुके हैं। दो विधायक नक्सली घटनाओं में मारे गए हैं। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित बंगला, गाड़ी और सुरक्षा को वापस लिया जाना सही नहीं होगा। राज्य सरकार जल्द ही हाईकोर्ट में हलफनामा दायर करेगी, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं को कायम रखने के पक्ष में तर्क दिया जाएगा। हाई कोर्ट से अनुरोध किया जाएगा कि वह इन सुविधाओं को कायम रहने दे।

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सरकार का तर्क है कि लोक प्रहरी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में एक अगस्त को आया फैसला झारखंड के संदर्भ में लागू नहीं होता है। सरकार साल 2014 में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधा देने को लेकर संकल्प निकाल चुकी है। जबकि उत्तरप्रदेश सरकार ने याचिका दायर होने के बाद 1997 में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने का संकल्प जारी किया था। गौरतलब है कि दीवान इंद्रनील सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को झारखंड में भी लागू करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में पीआइएल दायर किया है। उनका कहना है कि राज्य के दूसरे संवैधानिक पदों पर रह चुके लोगों को यह सुविधा नहीं दी जा रही है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंंत्रियों से भी यह सुविधा वापस ले लेनी चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली सुविधाएं

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को कैबिनेट मंत्री को मिलने वाली सुविधाएं दी जा रही हैं। सभी पूर्व मुख्यमंत्री को संसाधनों से युक्त सरकारी बंगला, स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के आधार पर जेड या वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है। पूर्व मुख्यमंत्री और उनके सुरक्षाकर्मी के लिए सरकारी गाड़ी आवंटित है। राज्य में भ्रमण के लिए प्रत्येक महीने उन्हें तीन सौ लीटर पेट्रोल मुफ्त दिया जाता है। इसके अलावा कार्यालय खर्च की व्यवस्था, निजी सचिव और सहायक के वेतन का भुगतान भी सरकार करती है।

किसे होगा नुकसान :

सुप्रीम कोर्ट के फैसले को झारखंड में लागू करने का नुकसान पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और बाबूलाल मरांडी को होने की संभावना है। दोनों फिलहाल विधायक या सांसद नहीं हैं। ऐसे में इनका बंगला छिन सकता है। हेमंत सोरेन को नेता प्रतिपक्ष के रूप में बंगला आवंटित है। शिबू सोरेन को कैबिनेट के माध्यम से आजीवन बंगला आवंटित है। वहीं मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा विधायक हैं। कोर्ट का फैसला लागू होने की स्थिति में उनके नाम से बंगला आवंटित कर दिया जाएगा।


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