झारखंड में महंगी हुई बिजली, एक अप्रैल से जेब होगी ढीली
शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों को प्रस्ताव से ज्यादा विद्युत नियामक आयोग ने बढ़ाया है औद्योगिक श्रेणी में एचटी उपभोक्ताओं की दर पूर्व के मुकाबले 25 पैसे प्रति केवीए कम कर दी है।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य के लगभग 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं की जेबें और हल्की होंगी। एक अप्रैल से घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट न्यूनतम 75 पैसे से लेकर डेढ़ रुपये तक ज्यादा चुकाना होगा। राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद और सदस्य आरएन सिंह (तकनीकी) रविंद्र नारायण सिंह ने गुरुवार को आननफानन में नई दरों की घोषणा की। नई दरों में आश्चर्यजनक तौर पर सबसे ज्यादा भार घरेलू उपभोक्ताओं पर डाला गया है। इस श्रेणी के सबसे ज्यादा 70 प्रतिशत उपभोक्ता हैं। इसमें शहरी और ग्रामीण श्रेणी के उपभोक्ता शामिल हैं।
शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों को प्रस्ताव से 25 पैसे ज्यादा विद्युत नियामक आयोग बढ़ाया है। इसके अलावा औद्योगिक श्रेणी में एचटी उपभोक्ताओं की दर पूर्व के मुकाबले 25 पैसे प्रति केवीए कम कर दी गई है। दर बढ़ाने के लिए सौंपे गए टैरिफ पीटिशन में बिजली वितरण निगम ने शहरी क्षेत्र के लिए प्रति यूनिट दर अधिकतम छह रुपये करने का प्रस्ताव दिया था। इसपर एक कदम आगे बढ़ते हुए नियामक आयोग ने शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दर 6.25 रुपये तय कर दी। आयोग का तर्क है कि उसने शहरी और ग्रामीण श्रेणी के उपभोक्ताओं को एक दर के दायरे में लाने का प्रस्ताव इस आधार पर ठुकरा दिया है कि शहरों की तुलना में गांवों को कम बिजली मिलती है।
हालांकि अलग-अलग श्रेणी के ग्रामीण उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट भार अधिकतम 1.50 रुपये तक पड़ा है। किसानों को दरों में बढ़ोतरी से राहत दी गई है। कृषि कार्य और सिंचाई की दोनों श्रेणी मीटर रहित और मीटर सहित में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। नए दरों की श्रेणी में अब घरेलू उपभोक्ताओं के समानांतर कॉमर्शियल और इंडस्ट्री की बिजली की दर एक हो गई है। बिजली दरों में पूर्व के मुकाबले औसत 11 प्रतिशत और अधिकतम 17 प्रतिशत बढ़ोतरी का दावा विद्युत नियामक आयोग ने किया है। सब्सिडी बढ़ाकर देंगे राहत बिजली की नई दरों से घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति माह लगभग चार सौ रुपये अधिकतम तक के झटके का अनुमान है। इसकी भरपाई सब्सिडी बढ़ाकर की जा सकती है।
राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को सब्सिडी के जरिए राहत प्रदान करने का सुझाव दिया गया है। संभावना है कि बढ़ी हुई दर को सरकार सब्सिडी के दायरे में लाएगी। सब्सिडी के लिए सालाना 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जा सकता है। राज्य सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष बिजली दर में बढ़ोतरी के बाद सब्सिडी का प्रावधान किया था। एक वर्ष में लगभग 750 करोड़ रुपये की सब्सिडी बिल पर उपभोक्ताओं को दी गई है। हालांकि नियामक आयोग ने निर्देश दिया है कि इसके लिए बिजली वितरण निगम डीबीटी की प्रक्रिया को अपनाए। सीधे सब्सिडी देने की बजाय उपभोक्ताओं को बैंक खाते में सब्सिडी की राशि दी जाए। समय से पहले मंजूरी क्यों?
हाल के वर्षो में बिजली दर की बढ़ोतरी कभी भी निर्धारित अवधि के भीतर नहीं की गई। पहली बार नियामक आयोग ने समय से पहले मंजूरी दी है। इसकी वजह आम चुनावों की तारीख के जल्द एलान की संभावना को माना जा रहा है। चुनावों की घोषणा के बाद आदर्श चुनाव आचार संहिता की वजह से नई दरें घोषित नहीं की जा सकतीं हैं। नई दरें एक अप्रैल से प्रभावी हो जाएंगी। किस श्रेणी में कितनी बढ़ी दर, पहले की दर, क्या था प्रस्ताव श्रेणी उप श्रेणी वर्तमान दर प्रस्तावित दर नई दर घरेलू कुटीर ज्योति 4.40 6.00 5.75 (फिक्स चार्ज-20) ग्रामीण 4.75 6.00 5.75 (फिक्स चार्ज-20) ग्रामीण (मीटररहित) 4.75 6.00 5.75 (फिक्स चार्ज-20) शहरी 5.50 6.00 6.25 (फिक्स चार्ज-75) एचटी 5.25 6.00 6.00 (फिक्स चार्ज-100)
कामर्शियल ग्रामीण 5.25 7.00 6.00 (फिक्स चार्ज-40) ग्रामीण (मीटर रहित) 5.25 7.00 6.00 (फिक्स चार्ज-40) शहरी 6.00 7.00 6.25 (फिक्स चार्ज-150) सिंचाई और कृषि में कोई बढ़ोतरी नहीं इंडस्ट्रियल एलटी 5.50 6.00 5.75 एचटी 5.75 6.00 5.50