रोज व्यायाम, जीवनशैली व दिनचर्या में सुधार बचा सकता है हृदय की बीमारी से
रोज व्यायाम जीवनशैली व दिनचर्या में सुधार से हृदय संबंधित रोगों से छुटकारा मिल सकती है।
जागरण संवाददाता, रांची : रोज व्यायाम, जीवनशैली व दिनचर्या में सुधार से हृदय संबंधित रोगों से बचा जा सकता है। कई बार दिल से जुड़े रोग का कारण तनाव भी होता है। अगर लोगों को पहले से हृदय की बीमारी हो तो उनके लिए ज्यादा व्यायाम भी हार्ट अटैक का कारण बनता है। जेनेटिक डिजीज के कारण अचानक गिर कर मरीज की मौत हो सकती है। इन सारी बीमारियों से बचने के उपाय काफी सरल हैं। लगातार कार्डियोलॉजिस्ट से परामर्श, समय-समय पर इसीजी, इको जैसी जांच से अपने हृदय गतिविधियों की मोनिटरिग की जा सकती है। उक्त बातें हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अजय कुमार सिन्हा दैनिक जागरण प्रश्न पहर के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज कल हार्ट अटैक युवाओं में ज्यादा देखने को मिल रहा है। इसका मूल कारण कार्यालयों में काम का प्रेशर है। लगातार बिना ब्रेक के घंटो काम करना, 24 घंटे तनाव में रहना, कम उम्र में ही ज्यादा कामयाबी अचिव करने की चाह इसके कारण बन रहे है। डॉ. अजय ने कहा कि किसी तरह के स्ट्रेस को अपने दिमाग में हावी नहीं होने देना चाहिए। कई बार मामूली दर्द से हृदय गति धीमी हो जाती है, जिससे हार्ट काम करना बंद कर सकता है। इसलिए युवा काम के बीच समय-समय पर आराम और पांच मिनट के माइनर व्यायाम कर दिल को सुरक्षित रख सकते हैं। ------
1. दिल की गतिविधि को सुरक्षित कैसे रखा जा सकता है, लगातार ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है? -एसएन चौधरी-रातू रोड, कुणाल मिश्रा-कांके
-दिल को सुरक्षित रखने के उपाय काफी आसान हैं। अगर आपको कोई बीमारी नहीं है तो घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन अगर आपको लगता है कि कोई परेशानी है तो सबसे पहले दिल के डॉक्टर से परामर्श ले। लगातार ईसीजी और इको जांच कराते रहे। साथ ही व्यायाम को अपने डेली रुटिन में शामिल कर लें। पैदल थोड़ा भी चलने पर लगातार सांस फूलने की समस्या होती है, क्या इसे दूर किया जा सकता है? -आकाश कुमार-रांची
-हां, इस परेशानी को बिलकुल दूर किया जा सकता है। सबसे पहले तो अगर आप पहले से किसी बीमारी के शिकार हैं तो उसका प्रोपर इलाज कराए। यह परेशानी ज्यादातर दिनचर्या में बदलाव के कारण भी होता है, तो आप सबसे पहले दिनचर्या में सुधार करें। अगर परेशानी लंबे समय से है और ठीक नहीं हो रही है तो डॉक्टर से ट्रीटमेंट कराए। यह अस्थमा के लक्षण भी हो सकते हैं। 3. मेरी मां को अस्थमा की समस्या है, सीने में भी तेज दर्द रहती है जांच कराने पर रिपोर्ट में सब नॉर्मल है..क्या करें? -राहुल शर्मा-इटकी, विकास-लालपुर
-अगर अस्थमा की बीमारी लंबे समय से है तो इसका बिना देर किए इलाज कराएं। ज्यादा धूल वाले एरिया में जाने से बचे। अगर पैदल चलने की आदत है तो हर 10 मिनट के अंतराल में आराम किया करें। सीने में दर्द की बात है तो इसके लिए कार्डियक संबंधित जांच अच्छे से कराएं। 4. मेरे मरीज को हार्ट अटैक आया था, इलाज के लिए डॉक्टर ने एंजियोप्लास्टी किया फिर दोनों किडनी खराब हो गई। क्या इसमें डॉक्टर की लापरवाही है? -विवेक कुमार-रांची
-नहीं इसमें डॉक्टर की लापरवाही नहीं है। कई बार ऐसी घटनाएं होती है। एंजियोप्लास्टी के समय जो कंट्रास्ट का इस्तेमाल होता है, किडनी खराब होने की समस्या उसी के साइड इफेक्ट से होती है। 100 केस में 1-2 केस में ऐसा हो सकता है। हालांकि डॉक्टर अपनी ओर से पूरा एहतियात बरतते है।