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बड़ी खबर: रघुवर के शासन में होती थी सरयू की जासूसी, अवैध फोन टैपिंग का भी खुलासा; सियासी भूचाल तय

सरयू राय के आरोपों की जांच में इस बात का खुलासा हो गया है कि रांची में न सिर्फ स्पेशल ब्रांच का अवैध दफ्तर संचालित हो रहा था बल्कि अवैध तरीके से फोन की टैपिंग भी हो रही थी।

By Alok ShahiEdited By: Published: Mon, 18 May 2020 10:51 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 07:47 AM (IST)
बड़ी खबर: रघुवर के शासन में होती थी सरयू की जासूसी, अवैध फोन टैपिंग का भी खुलासा; सियासी भूचाल तय
बड़ी खबर: रघुवर के शासन में होती थी सरयू की जासूसी, अवैध फोन टैपिंग का भी खुलासा; सियासी भूचाल तय

रांची, राज्य ब्यूरो। पूर्व मंत्री व वर्तमान में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के आरोपों की जांच में इस बात का खुलासा हो गया है कि रांची में न सिर्फ स्पेशल ब्रांच का अवैध दफ्तर संचालित हो रहा था, बल्कि अवैध तरीके से फोन की टैपिंग भी हो रही थी। रघुवर शासनकाल में सरयू राय की भी जासूसी कराई जा रही थी। डीजीपी एमवी राव को पूर्व मंत्री के आरोपों की चिट्ठी मिलने के बाद दोनों ही आरोपों की जांच संबंधित विभाग से करवाई गई थी। विशेष शाखा ने अपनी रिपोर्ट दे दी है कि रांची में गोंदा थाने के पीछे विशेष शाखा का अवैध कार्यालय चल रहा था। यहां विशेष शाखा की गाडिय़ां भी जाती थीं। इस कार्यालय का संचालन एक निजी व्यक्ति कर रहा था, जिसे दो इंस्पेक्टर व 12 पुलिसकर्मी मिले हुए थे। 

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400 लोगों की अवैध तरीके से हुई फोन टैपिंग

सीआइडी की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि सीआइडी में अवैध तरीके से फोन टैपिंग हो रही थी। छह माह के भीतर करीब 400 लोगों का ऑन रिकार्ड फोन टैपिंग हुई थी। फोन टैपिंग का कितना लाभ मिला, इसकी जानकारी विभाग को नहीं है। सीआइडी के एडीजी बनने के बाद अनिल पाल्टा ने सबसे पहले अवैध तरीके से हो रहे फोन टैपिंग को बंद करवाया। यहां तैनात विशेष शाखा के कर्मी-पदाधिकारी को हटाया गया। इस संबंध में भी जांच पूरी हो गई है और शीघ्र ही डीजीपी व गृह विभाग को रिपोर्ट सौंपी जानी है। 

क्या था पूर्व मंत्री का आरोप

पूर्व मंत्री सरयू राय ने डीजीपी व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि पूर्व की रघुवर सरकार में उनकी जासूसी कराई गई थी। उनकी फोन टैपिंग की जा रही थी। उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही थी। इतना सबकुछ पूर्व डीजीपी व पूर्व सीएम की जानकारी में हो रहा था। यह गंभीर मामला है और इसकी एसआइटी से जांच कराई जाए।


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