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Jharkhand: कोर्ट के आदेश के बाद भी केंद्रीय कारा के CCTV फुटेज का डेटा निकालना ED के लिए नहीं होगा आसान

रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के सीसीटीवी फुटेज से ईडी को बहुत कुछ हाथ लगने की उम्मीद नहीं है। अगर उच्च न्यायालय का फैसला ईडी के पक्ष में आ भी गया तो सीसीटीवी फुटेज का डेटा निकालना आसान नहीं होगा।

By Dilip KumarEdited By: Mohit TripathiPublished: Fri, 03 Feb 2023 12:20 AM (IST)Updated: Fri, 03 Feb 2023 12:20 AM (IST)
एक महीने के बाद स्वतः मिट जाता है जेल का सीसीटीवी डेटा

राज्य ब्यूरो, रांची : रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के सीसीटीवी फुटेज से ईडी को बहुत कुछ हाथ लगने की उम्मीद नहीं है। अगर उच्च न्यायालय का फैसला ईडी के पक्ष में आ भी गया तो सीसीटीवी फुटेज का डेटा निकालना आसान नहीं होगा।

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महज एक महीने स्टोर हो पाता है सीसीटीवी डाटा का

जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय कारा का सीसीटीवी फुटेज एक महीने तक ही स्टोर हो पाता है, उसके बाद वह स्वत: मिट जाता है। जबकि, ईडी बीते साल सितंबर महीने से ही सीसीटीवी फुटेज की मांग करती रही है।

ईडी को सूचना मिली थी कि 11 मई 2022 के बाद मनी लांड्रिंग में कई महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां हुई। इनमें तत्कालीन निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल, मुख्यमंत्री के बरहेट विधानसभा क्षेत्र का विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत कई नामीगिरामी शामिल हैं।

ईडी को जेल मैनुअल के उल्लघंन की मिली थी सूचना

ईडी को सूचना मिली थी कि इन लोगों ने जेल में रहते हुए जेल मैनुअल का खूब उल्लंघन किया और उन सभी सुविधाओं को हासिल किया, जो जेल मैनुअल के विरुद्ध था। ईडी ने इससे संबंधित सीसीटीवी फुटेज के लिए जेल प्रबंधन से संपर्क भी साधा, लेकिन जेल प्रबंधन लगातार टाल-मटोल करता चला गया।

चार महीने बाद भी नहीं मिल पाया फुटेज

करीब चार महीने से ज्यादा हो गए, लेकिन अब तक ईडी को सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं हो पाया। इसके लिए ईडी कोर्ट ने भी जेल प्रबंधन को आदेश दिया था कि वे जल्द से जल्द सीसीटीवी फुटेज ईडी को उपलब्ध कराएं, लेकिन जेल प्रबंधन ने सीसीटीवी फुटेज देने के बजाय ईडी कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दे दी।

इस चार महीने की अवधि में निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल को अंतरिम जमानत का लाभ मिल गया। कारोबारी अमित अग्रवाल जमानत पर जेल से बाहर निकल गए। अब सीसीटीवी फुटेज भी अगर मिलेगा भी तो एक महीने के भीतर का मिलेगा, जिसे लेने से ईडी को जांच में कोई सहायता नहीं मिल पाएगा।

मिटे डेटा को रिकवर करने में करनी पड़ेगी मशक्कत

साइबर पीस फाउंडेशन के विनीत कुमार ने बताया कि अगर मिटे हुए डेटा को रिकवर करना हो तो साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञ को भी मशक्कत करनी पड़ेगी। इसके बाद भी मिटा हुआ डेटा मिलेगा कि नहीं, यह कहा नहीं जा सकता। एक बार कोई डेटा मिटता है तो उस पर फिर नया डेटा चढ़ता चला जाता है, ऐसी स्थिति में पुराना डेटा बरामद करना बेहद मुश्किल हो जाता है।


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