ED ने जब्त की उषा मार्टिन की 190 करोड़ रुपये की संपत्ति
Jharkhand. इस कार्रवाई के बाद उक्त संपत्ति का विक्रय 180 दिनों तक नहीं किया जा सकता है। एक अन्य कार्रवाई में ईडी ने झारखंड इस्पात प्राइवेट लि. की 25.54 एकड़ जमीन को जब्त किया है।
By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 09:03 PM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 09:03 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पटना की टीम ने उषा मार्टिन की 190 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। इससे संबंधित नोटिस भी चस्पा किया गया है कि उक्त संपत्ति का विक्रय या हस्तांतरण 180 दिनों तक नहीं किया जा सकता है। ईडी ने यह कार्रवाई पश्चिमी सिंहभूम के घटकुरी में उषा मार्टिन द्वारा अवैध लौह अयस्क खनन और खुद के उपयोग के लौह अयस्क को दूसरी कंपनियों को बेचने के मामले में की है।
ईडी की इस कार्रवाई से टाटा स्पंज को भी झटका लगा है, क्योंकि टाटा स्पंज ने उषा मार्टिन की स्टील डिविजन को 4300 करोड़ में खरीदा था। हालांकि, इसकी जानकारी टाटा स्पंज को पहले से थी। उषा मार्टिन ने खरीद-बिक्री के समझौते में साफ किया था कि ईडी में लंबित मामले में जो देनदारी होगी, उसके भुगतान की जवाबदेही टाटा स्पंज की होगी।
झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड की 25.54 एकड़ जमीन को ईडी ने किया जब्त
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने सोमवार को रामगढ़ के हेसला में स्थित झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड की 25.54 एकड़ जमीन को जब्त कर लिया है। कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में फंसी इस कंपनी के विरुद्ध सीबीआइ भी जांच कर रही है। ईडी की टीम ने दिल्ली स्थित एडजुकेटिंग अथॉरिटी की हरी झंडी मिलने के बाद यह कार्रवाई की है। उक्त जमीन की सरकारी कीमत जहां 3.93 करोड़ रुपये है, वहीं बाजार मूल्य 20 करोड़ रुपये बताया जा रहा है।
मनी लाउंड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय झारखंड इस्पात लिमिटेड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान कर रहा था। इसमें कंपनी के निदेशक आरएस रुंगटा, आरसी रुंगटा और राजीव कुमार चेरारिया को आरोपित किया गया था। जांच के क्रम में ही प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी की मशीन को अस्थायी रूप से जब्त किया था। जनवरी 2019 में कंपनी की 25 एकड़ जमीन को जब्त किया गया था। इसे स्थायी रूप से जब्त करने के लिए एडजुकेटिंग अथॉरिटी में ईडी ने आवेदन दिया था।
ईडी की इस कार्रवाई से टाटा स्पंज को भी झटका लगा है, क्योंकि टाटा स्पंज ने उषा मार्टिन की स्टील डिविजन को 4300 करोड़ में खरीदा था। हालांकि, इसकी जानकारी टाटा स्पंज को पहले से थी। उषा मार्टिन ने खरीद-बिक्री के समझौते में साफ किया था कि ईडी में लंबित मामले में जो देनदारी होगी, उसके भुगतान की जवाबदेही टाटा स्पंज की होगी।
झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड की 25.54 एकड़ जमीन को ईडी ने किया जब्त
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने सोमवार को रामगढ़ के हेसला में स्थित झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड की 25.54 एकड़ जमीन को जब्त कर लिया है। कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में फंसी इस कंपनी के विरुद्ध सीबीआइ भी जांच कर रही है। ईडी की टीम ने दिल्ली स्थित एडजुकेटिंग अथॉरिटी की हरी झंडी मिलने के बाद यह कार्रवाई की है। उक्त जमीन की सरकारी कीमत जहां 3.93 करोड़ रुपये है, वहीं बाजार मूल्य 20 करोड़ रुपये बताया जा रहा है।
मनी लाउंड्रिंग के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय झारखंड इस्पात लिमिटेड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान कर रहा था। इसमें कंपनी के निदेशक आरएस रुंगटा, आरसी रुंगटा और राजीव कुमार चेरारिया को आरोपित किया गया था। जांच के क्रम में ही प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी की मशीन को अस्थायी रूप से जब्त किया था। जनवरी 2019 में कंपनी की 25 एकड़ जमीन को जब्त किया गया था। इसे स्थायी रूप से जब्त करने के लिए एडजुकेटिंग अथॉरिटी में ईडी ने आवेदन दिया था।
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