पंजाब नेशनल बैंक को एक अरब का चूना लगाने वालों पर CBI के बाद ED ने भी दर्ज किए 4 केस
PNB Fraud पीएनबी के एक अरब 36 करोड़ और नौ लाख रुपये के लोन फ्रॉड के लिए कॉरपोरेट इस्पात कंपनी लिमिटेड और उसके आठ पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
रांची, राज्य ब्यूरो। मनी लांड्रिंग एक्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को चार अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की हैं। चारों प्राथमिकियां चार अलग-अलग मामलों से संबंधित हैं। सीबीआइ से मिले इनपुट के आधार पर ईडी ने प्राथमिकी दर्ज की है। इन मामलों में सीबीआइ पहले से ही जांच कर रही है। पहली प्राथमिकी कॉरपोरेट इस्पात एलॉय लिमिटेड व इसके आठ कर्मचारियों के विरुद्ध 136.09 करोड़ के ऋण फ्रॉड के मामले में दर्ज की गई है। इस कंपनी ने लातेहार के चितरपुर में कोल ब्लॉक के विकास व वाशरी के प्रॉसेसिंग के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक से ऋण आवंटित कराया और उसका दुरुपयोग किया। बाद में खाता भी एनपीए हो गया।
दूसरी प्राथमिकी गिरिडीह से संबंधित है। वहां गिरिडीह मुख्य डाकघर के सहायक पोस्टमास्टर शशि भूषण कुमार, सब पोस्टमास्टर बासुदेव दास व पवन कुमार के विरुद्ध सीबीआइ में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोप है कि अभियुक्तों ने जालसाजी कर 24 जाली बैंक खातों में रुपये स्थानांतरित कर 9.30 करोड़ रुपये का घोटाला किया।
तीसरी प्राथमिकी धनबाद के बीसीसीएल के लोदना एरिया से संबंधित है। यहां सीबीआइ ने बीसीसीएल के महाप्रबंधक प्रकाश चंद्रा, अतिरिक्त महाप्रबंधक बीएन सिंह, परियोजना अधिकारी कल्याणी प्रसाद, प्रबंधक एके पांडेय, एरिया सर्वे अफसर एन. मंडल, सर्वेयर अनूप कुमार महंथ व देव प्रभा प्राइवेट लिमिटेड पर प्राथमिकी दर्ज की थी। आरोप है कि इनलोगों ने आपराधिक साजिश के तहत बीसीसीएल को 13.5 करोड़ रुपये का चूना लगाया। आरोपितों ने बीसीसीएल के लोदना एरिया के जीनागोरा कोलियरी से 61,756 मीट्रिक टन कोयले के स्टॉक की हेराफेरी की।
चौथा मामला बीसीसीएल धनबाद के गोंदूडीह खास कुसुंडा कोलियरी के तत्कालीन परियोजना अधिकारी राम कृष्ण रमन से संबंधित है। इनपर गलत तरीके से 1.20 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति बनाने का आरोप है। ईडी ने प्राथमिकी दर्ज कर चारों ही मामले में अनुसंधान शुरू कर दिया है।
मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये पंजाब नेशनल बैंक को एक अरब का चपत लगाने वाले आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को चार अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। इस बड़े घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी की जांच के आधार पर ईडी ने इन मामलों को सीबीआइ से लिया है। पीएनबी के एक अरब, 36 करोड़ और नौ लाख रुपये के लोन फ्रॉड के लिए कॉरपोरेट इस्पात कंपनी लिमिटेड और उसके आठ पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। यह कंपनी लातेहार के चितरपुर में कोयला ब्लॉक, प्रसंस्करण और वाशरी के विकास में शामिल है।
दूसरा मामला गिरिडीह जिले से संबंधित है जहां गिरिडीह प्रधान कार्यालय के तत्कालीन सहायक पोस्टमास्टर, शशिभूषण कुमार, गिरिडीह प्रधान कार्यालय के तत्कालीन सहायक पोस्टमास्टर बासुदेव दास और पवन कुमार सिंह (एक ही शाखा के उपमास्टर) के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। उन्होंने 24 फर्जी बचत बैंक खाते के जरिये 9.30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी।
तीसरा मामला धनबाद में बीसीसीएल के लोदना इलाके से जुड़ा है। प्रकाश चंद्र (महाप्रबंधक), बीएन सिंह (अतिरिक्त महाप्रबंधक), कल्याणजी प्रसाद (परियोजना अधिकारी), एके पांडे (प्रबंधक), एन मंडल (क्षेत्र सर्वेक्षण अधिकारी), अनूप कुमार महंता (सर्वेक्षक और देव प्रभा) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। बीसीसीएल के लोदना क्षेत्र के जेनागोरा कोलियरी से 61756 मीट्रिक टन के विशाल कोयले के स्टॉक की हेराफेरी करके बीसीसीएल को 13.5 करोड़ रुपये का चूना लगाने के लिए कथित रूप से आपराधिक कदाचार किया।
चौथा मामला बीसीसीएल धनबाद के कुसुंडा क्षेत्र के गोंदुडीह खास कुसुंडा कोलियरी के तत्कालीन परियोजना अधिकारी राम कृष्ण रमन के खिलाफ है। राम कृष्ण ने कथित तौर पर लगभग 1.20 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है।