झारखंड में फिर महंगी होगी बिजली
प्रदीप सिंह, रांची : झारखंड में बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर फिर से नई दर का भार पड़ेगा। इसी वर्ष
प्रदीप सिंह, रांची : झारखंड में बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर फिर से नई दर का भार पड़ेगा। इसी वर्ष एक अगस्त से राज्य सरकार ने बिजली दरों में बढ़ोतरी की सहमति दी थी। इसमें एक बार फिर से संशोधन की तैयारी आरंभ कर दी गई है। बिजली वितरण निगम ने टैरिफ पिटीशन (दर बढ़ाने संबंधी याचिका) पर काम आरंभ कर दिया है। इसमें घरेलू समेत तमाम वर्गो में बिजली दर 10 से लेकर 35 प्रतिशत तक महंगी हो सकती है। राज्य बिजली वितरण निगम की बोर्ड ने टैरिफ पिटीशन दायर करने की स्वीकृति दे दी है। टैरिफ पिटीशन में बीते वर्ष की इनर्जी आडिट के साथ-साथ तमाम खर्च और संभावित व्यय का ब्यौरा रहेगा। इसमें विभिन्न वर्गो में अलग-अलग दर बढ़ाने की गुजारिश राज्य विद्युत नियामक आयोग से की जाएगी।
नियामक आयोग पूरी करेगा औपचारिकता
बिजली वितरण निगम दर बढ़ाने के लिए याचिका राज्य विद्युत नियामक आयोग में दायर करेगा। आयोग इसके तमाम तकनीकी पहलू की जांच करेगा। जिन बिंदुओं पर आपत्ति होगी उसपर वितरण निगम से जवाब तलब किया जाएगा। विद्युत नियामक आयोग बिजली उपभोक्ताओं का भी पक्ष लेगा। इसके लिए सभी प्रमंडल मुख्यालयों में जनसुनवाई की जाएगी। तमाम जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद नई बिजली दर को स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
पिछली बार घरेलू उपभोक्ताओं पर कम पड़ा था भार
बिजली वितरण निगम के पिछले टैरिफ पिटीशन पर बढ़ोतरी के दौरान घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिली थी। घरेलू बिजली कनेक्शन (डीटीएस) के विभिन्न वर्गो में प्रति यूनिट अधिकतम 90 पैसे की बढ़ोतरी की गई थी। इसके अलावा फिक्स मीटर चार्ज में भी मामूली बढ़ोतरी की गई थी। वाणिज्यिक श्रेणी पर भार थोड़ा ज्यादा था। अधिकतम 21 प्रतिशत विद्युत दर में बढ़ोतरी को नियामक आयोग ने मंजूरी दी थी।
उत्पादन इकाइयां भी देगी याचिका
राज्य में मौजूद विद्युत उत्पादन इकाईयों को भी दर के लिए विद्युत नियामक आयोग से मंजूरी लेना पड़ता है। इसके अलावा निजी क्षेत्र की विद्युत वितरण कंपनी जुस्को (टाटा स्टील की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी) को भी जमशेदपुर के कंपनी क्षेत्र और सरायकेला-खरसावां के लिए नई बिजली दर की मंजूरी लेनी होगी। तमाम कंपनियां अपनी याचिका आयोग के समक्ष प्रस्तुत करेगी।