2638 सरकारी स्कूलों में बनेंगे रीडर्स क्लब, बच्चे बिताएंगे दो पीरियड
नीरज अम्बष्ठ, रांची : राज्य सरकार स्कूली बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत डालने के लिए रीडर्स क्लब बनेगा।
नीरज अम्बष्ठ, रांची : राज्य सरकार स्कूली बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत डालने के लिए रीडर्स क्लब की स्थापना करेगी। इसके लिए उन स्कूलों में लाइब्रेरी व रीडर्स क्लब की स्थापना की जाएगी। केंद्र सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में 2,638 स्कूलों में लाइब्रेरी की स्थापना तथा किताबों के क्रय के लिए राशि की मंजूरी दी है।
केंद्र ने समग्र शिक्षा अभियान के माध्यम से लाइब्रेरी की स्थापना के लिए 3.83 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इनमें 60 फीसद राशि केंद्र सरकार वहन करेगी, शेष राशि राज्य सरकार को देनी होगी। केंद्र ने बकायदा इस योजना की गाइडलाइन भी तय कर दी है।
रीडर्स क्लब की स्थापना में नेशनल बुक ट्रस्ट की संस्था नेशनल सेंटर फॉर चिल्ड्रेन्स लिटरेचर (एनसीसीएल) का सहयोग लिया जाएगा। यह भी कहा गया है कि स्कूलों में रीडर कार्नर या रीडिंग रूम आदि की व्यवस्था की जाएगी। सप्ताह में दो पीरियड इनमें पढ़ने के लिए निर्धारित किए जाएंगे। लाइब्रेरी की देखभाल की जिम्मेदारी किसी एक शिक्षक को दी जाएगी। ये शिक्षक बच्चों को किताबें उपलब्ध कराने, उनसे वापस लेने तथा रीडर रूम में बच्चों को किताबें पढ़ने की व्यवस्था संभालेंगे।
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सरकारी प्रकाशनों की ही किताबें
केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार, स्कूलों की लाइब्रेरी में एनसीईआरटी, नेशनल बुक ट्रस्ट, एससीईआरटी तथा राज्य सरकार के प्रकाशनों की किताबें ही खरीदी जाएंगी। पहले साल, इस फंड से लाइब्रेरी के लिए कोई पत्रिका या अखबार नहीं खरीदे जाएंगे। किताबों के चयन के लिए राज्य स्तर पर कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें एनसीईआरटी तथा एनबीटी के भी प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
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चयनित स्कूलों में 1,523 कंपोजिट स्कूल
केंद्र ने राज्य सरकार के प्रस्ताव पर जिन 2,638 स्कूलों में लाइब्रेरी की स्वीकृति दी है उनमें 1,523 कंपोजिट स्कूल हैं। इनमें से 1,391 स्कूलों में कक्षा एक से दस तथा 132 स्कूलों में कक्ष एक से बारह तक की पढ़ाई होगी। बता दें कि राज्य सरकार कम बच्चों की संख्या वाले स्कूलों का बड़े स्कूलों में विलय कर कंपोजिट स्कूल बना रही है। शेष चयनित स्कूलों में 417 स्कूल ऐसे हैं, जहां कक्षा छह से बारह तक की पढ़ाई होती है। वहीं, 362 स्कूलों में कक्षा नौ से दस, 321 स्कूलों में कक्षा नौ से बारह तथा 15 स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई होती है।