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डीवीसी कटौती पर अड़ा, आज से काटेगा झारखंड की बिजली

बकाया भुगतान को लेकर दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने एक जुलाई से झारखंड में बिजली आपूíत में कटौती करने का अल्टीमेटम दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 01:12 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 01:12 AM (IST)
डीवीसी कटौती पर अड़ा, आज से काटेगा झारखंड की बिजली
डीवीसी कटौती पर अड़ा, आज से काटेगा झारखंड की बिजली

राज्य ब्यूरो, रांची : बकाया भुगतान को लेकर दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने एक जुलाई से झारखंड में बिजली आपूíत में कटौती करने का अल्टीमेटम दिया है। डीवीसी ने बीते 24 जून को झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड पर 5670 करोड़ रुपये बकाया होने का हवाला देते हुए पत्र लिखकर कहा था कि अगर 30 जून तक बकाए राशि का भुगतान नहीं हुआ तो वह बिजली कटौती के लिए मजबूर होगा। मंगलवार को यह अवधि पूरी हो गई। गौरतलब है कि इस साल पांच महीने में यह दूसरा मौका है जब डीवीसी ने बिजली कटौती की नोटिस थमाई है। डीवीसी की कटौती का सबसे अधिक असर उसके कमांड एरिया के तहत आने वाले सात जिलों पर पड़ेगा। इन क्षेत्रों की बिजली ठप हो सकती है। डीवीसी के कमांड एरिया वाले जिलों में धनबाद, कोडरमा, चतरा, हजारीबाग, गिरिडीह, रामगढ़ और बोकारो शामिल है।

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बिजली वितरण निगम ने मांगी मोहलत

डीवीसी के बिजली कटौती के अल्टीमेटम पर बिजली वितरण निगम ने भुगतान के लिए मोहलत मांगी है। बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक राजीव अरुण एक्का ने डीवीसी के सदस्य (वित्त) को भेजे गए पत्र में उल्लेख किया है कि लाकडाउन की वजह से निगम का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसके बावजूद निगम बकाए भुगतान को लेकर गंभीर है। राज्य सरकार से बिजली सब्सिडी मद में 1000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि को लेकर भी प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि भुगतान कर दिया जाएगा।

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बकाए राशि का विवाद है विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण में

डीवीसी का झारखंड पर बकाए का दावा 5670 करोड़ का है। इस दावे पर नए सिरे से विवाद पैदा हो सकता है। फिलहाल यह मामला विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण में भी चल रहा है। इसकी वजह डीवीसी की आडिटिंग में तकनीकी पेंच है। बिजली वितरण निगम के एक वरीय अधिकारी के मुताबिक वर्ष 2006 से 2016 तक डीवीसी की आडिट नहीं की गई। डीवीसी ने सिर्फ खर्च दिखाकर अपना दर तय कराया और वसूली की। इस लिहाज से बिजली वितरण निगम का लगभग 1200 करोड़ रुपया डीवीसी के पास है। डीवीसी इस राशि को अद्यतन बकाए में समायोजित करे या इसका भुगतान करे। उधर डीवीसी का पक्ष है कि पूरा मामला विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण में चल रहा है। फिलहाल बकाए की राशि 5670 करोड़ रुपये है। बिजली वितरण निगम इसका भुगतान करे।

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राजनीतिक विरोध की तैयारी

हिम्मत है तो कटौती करे डीवीसी : झामुमो

डीवीसी द्वारा बार-बार बिजली कटौती के अल्टीमेटम का राजनीतिक विरोध शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि डीवीसी में अगर हिम्मत है तो बिजली कटौती कर दिखाए। महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकारों का बकाया झारखंड पर लादा जा रहा है जबकि डीवीसी को भुगतान करने की दिशा में राज्य सरकार प्रयासरत है। इसके बावजूद बार-बार अल्टीमेटम देना समझ से परे है। डीवीसी विद्युत उत्पादन के लिए पूरी तरह झारखंड के संसाधनों पर निर्भर है और बार-बार झारखंड को ही आंख दिखाया जा रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। अगर एक मेगावाट भी बिजली कटौती की गई तो झारखंड में डीवीसी का कामकाज ठप करा दिया जाएगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं को इसके लिए तैयार रहने को कहा गया है। उन्होंने डीवीसी से आग्रह किया कि संयम बरते और राजनीतिक मोहरा बनने से बाज आए।


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