रांची, राज्य ब्यूरो। Draupadi Murmu, President Election 2022 झारखंड के मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी प्रमुख हेमंत सोरेन के लिए बहुत मुश्किल होगा पहली आदिवासी राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन न करना। आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा के कांग्रेस विधायकों के सामने भी संभवत: यही दुविधा रहेगी। बहरहाल, राष्ट्रपति चुनाव के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के रुख पर सबकी नजर है। राजग की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के साझा प्रत्याशी यशवंत सिन्हा में से एक के नाम पर मुहर लगाने में झामुमो को वक्त लगेगा। यही कारण है कि बुधवार को इस बाबत मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से जब प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसे टालते हुए कहा कि पार्टी की बैठक में सभी नेता मिलकर इसपर निर्णय लेंगे। मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य विनोद पांडेय के मुताबिक जल्द ही राष्ट्रपति चुनाव पर निर्णय के लिए केंद्रीय समिति की बैठक बुलाई जाएगी। मोर्चा के धर्मसंकट की वजह है और इसका प्रभाव दूरगामी होगा।
यह भी पढ़ें : यशवंत सिन्हा ने मुख्यमंत्री से कहा, शराफत से पेश आइए, मैं सीएम बन सकता हूं, लेकिन आप IAS नहीं
राज्य में हेमंत सोरेन की झामुमो, कांग्रेस और राजद के सहयोग से सत्ता में हैं। इस लिहाज से विपक्ष के साझा प्रत्याशी यशवंत सिन्हा का समर्थन करने का दबाव होगा। लेकिन राजग द्वारा आदिवासी चेहरा को आगे करने से मोर्चा जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं करना चाहता। झारखंड मुक्ति मोर्चा के राजनीतिक आधार में आदिवासी सबसे बड़ा समूह है। ऐसे में राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं करने का निर्णय घाटे का सौदा साबित हो सकता है। इसे भाजपा मुद्दा बना सकती है, लेकिन विपक्ष के प्रत्याशी का साथ नहीं देने का जोखिम यह है कि कांग्रेस के साथ रिश्ते और तल्ख होंगे।
इसी माह हुए राज्यसभा चुनाव में यह तल्खी सामने आ चुकी है, जब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एकतरफा निर्णय करते हुए अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर डाली। कांग्रेस ने अपने तेवर दिखाए, लेकिन कोई चारा नहीं देख पार्टी ने समझौता कर लिया। अब दोबारा कांग्रेस की लाइन से अलग जाने पर गठबंधन की दरार चौड़ी हो सकती है। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी से भी संबंध बिगड़ने का खतरा है। ऐसे में यह देखना वाकई दिलचस्प होगा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा आखिरकार किसके साथ खड़ा होता है।
द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित कर आदिवासी का बढ़ाया सम्मान
प्रदेश भाजपा ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर ढोल- नगाड़ा बजाकर व मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाई। बुधवार को प्रदेश कार्यालय में पार्टी ने शीर्ष नेताओं ने कार्यकर्ताओं के साथ अपनी खुशियां साझा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रति आभार प्रकट किया।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समीर उरांव व मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर उरांव ने कहा कि आज राज्य और देश का जनजाति समाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है। पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार घोषित कर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने आदिवासियों का सम्मान बढ़ाया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि भाजपा ही ऐसी पार्टी है जो आदिवासियों के विकास और उनका सम्मान बढ़ाने के लिए समर्पित है। एक आदिवासी और महिला को भारत के प्रथम नागरिक के लिए उम्मीदवार बनाना ऐतिहासिक कदम है। इस मौके पर संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह, प्रवीण सिंह, जनजाति मोर्चा के बिंदेश्वर उरांव, रोशनी खलखो सहित अन्य उपस्थित थे।
a