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    Draupadi Murmu: जिला पार्षद चुनाव से शुरू हुआ द्रौपदी मुर्मू का सफर... अब राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी तक पहुंचा

    Draupadi Murmu Biography द्रौपदी मुर्मू अचानक सुर्खियों में आ गई हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। राजनीतिक समीकरण को देखते हुए बहुत हद तक संभव है कि वह राष्ट्रपति भी चुन ली जाएंगी।

    By M EkhlaqueEdited By: Updated: Tue, 21 Jun 2022 10:49 PM (IST)
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    Draupadi Murmu: जिला पार्षद चुनाव से शुरू हुआ द्रौपदी मुर्मू का सफर... अब राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी तक पहुंचा

    रांची, डिजिटल डेस्क। Draupadi Murmu Biography भारतीय जनता पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए का प्रत्याशी घोषित कर दिया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसका बकायदा ऐलान भी कर दिया है। ऐसे में अब हर कोई जानना चाहता है कि द्रौपदी मुर्मू कौन हैं। इनका राजनीतिक सफर कैसा रहा है। वह कहां की रहने वाली हैं। कितनी शिक्षित हैं। आदि आदि। अगर वह राष्ट्रपति चुनाव जीत जाती हैं तो यह पहला मौका होगा जब कोई आदिवासी महिला भारत की राष्ट्रपति बनेगी। यही नहीं जिला परिषद चुनाव से राष्ट्रपति पद तक का सफर करने वाली राजनेता साबित होंगी।

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    झारखंड की पहली महिला राज्यपाल रह चुकी हैं

    द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल रह चुकी हैं। 19 मई 2015 को झारखंड की राज्यपाल बनी थीं। वह वर्ष 2000 से 2004 तक ओडिशा विधानसभा में रायरंगपुर से विधायक रह चुकी हैं। वह ओडिशा सरकार में मंत्री भी बनी थीं। वह पहली ओडिया भाषी नेता हैं जो राज्यपाल बनीं। वह भाजपा और बीजद की साझा सरकार में 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त 2002 तक वाणिज्य और परिवहन विभाग की स्वतंत्र प्रभार वाली राज्यमंत्री बनी थीं। 6 अगस्त 2002 से 16 मई 2004 तक वह मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास की राज्य मंत्री रह चुकी हैं।

    रमा देवी महिला महाविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई

    द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ। उनके पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है। उन्होंने रमा देवी महिला महाविद्यालय, भुवनेश्वर से पढ़ाई की है। द्रौपदी मुर्मू का पैतृक घर ओडिशा के मयूरभंज जिले के राइरंगपुर बैदापोशी में है। वर्ष 2015 में द्रौपदी मुर्मू झारखंड की नौवीं राज्यपाल नियुक्त की गई थीं। पांच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद भी कोरोना संक्रमण को देखते हुए भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें सेवा विस्तार दिया था। इस कारण वह झारखंड में छह वर्ष 54 दिनों तक राज्यपाल रहीं। स्नातक तक शिक्षा ग्रहण करने वाली द्रौपदी मुर्मू वर्ष 1997 से राजनीति में सक्रिय हैं।

    दो पुत्र और एक पुत्री की मां द्रौपदी मुर्मू्

    द्रौपदी मुर्मू दो पुत्र और एक पुत्री की मां हैं। उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू है। द्रौपदी मुर्मू संताल आदिवासी परिवार से आती हैं। झारखंड राज्य गठन के पश्चात पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा करने वाली वह पहली राज्यपाल कही जाती हैं।

    1997 में चुनी गई थी जिला पार्षद

    द्रौपदी मुर्मू 1997 में पहली बार ओडिशा में रायरंगपुर जिला पार्षद चुनी गई थीं। वह रायरंगपुर की उपाध्यक्ष बनी थीं। द्रौपदी मुर्मू वर्ष 2002 से 2009 तक मयूरभंज जिला भाजपा का अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। वर्ष 2004 में द्रौपदी मुर्मू रायरंगपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुनी गईं थीं। भाजपा ने द्रौपदी मुर्मू को 2006 में अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। वह इस पद पर 2009 तक रहीं। वर्ष 2010 में वह मयूरभंज जिला भाजपा अध्यक्ष के रूप में दोबारा चुनी गईं। वर्ष 2013 में भाजपा ने उन्हें तीसरी बार जिला अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी। वह अप्रैल 2015 तक इस पद पर बनी रहीं। इसके बाद वर्ष मई 2015 में वह झारखंड की राज्यपाल बनाई गईं।