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झारखंड में कोरानो योद्धाओं पर हमले व दुर्व्यवहार के विरोध में काला दिवस मनाएंगे चिकित्सक

डॉक्टर नर्स एवं स्वास्थ्य कर्मियों के साथ लगातार हमले व मारपीट की घटनाएओं के विरोध में आइएमए ने दो दिनों का सांकेतिक आंदोलन करने का निर्णय लिया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2020 12:48 PM (IST)Updated: Tue, 21 Apr 2020 04:26 PM (IST)
झारखंड में कोरानो योद्धाओं पर हमले व दुर्व्यवहार के विरोध में काला दिवस मनाएंगे चिकित्सक

जासं, रांची। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से कोरोना संक्रमण के रोकथाम में लगे देशभर में चिकित्सकों के ऊपर हो रहे हमले की बढ़ती घटनाओं तथा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय कानून का ऑर्डिनेंस नहीं लाने के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। आईएमए दिल्ली  व आईएमए झारखंड के आह्वान पर पूरे राज्य में 22 अप्रैल बुधवार को रात्रि 9:00 बजे सभी चिकित्सकों के द्वारा अस्पताल में मोमबत्ती जलाकर संपूर्ण राष्ट्र को सावधान किया जाएगा । वहीं, चिकित्सक 23 अप्रैल गुरुवार को काली पट्टी लगाकर काम करते हुए काला दिवस मनाएंगे।

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रामगढ़ में भी चिकित्सक विरोध प्रदर्शन में होंगे शामिल

कोरोना वायरस से जंग में अग्रिम पंक्ति के योद्धा बने देश के डॉक्टर, नर्स एवं स्वास्थ्य कर्मियों के साथ लगातार हमला व मारपीट की घटनाएं हो रही हैं। इसके विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आइएमए) ने दो दिनों का सांकेतिक आंदोलन करने का निर्णय लिया है। इसके तहत 22 अप्रैल की रात नौ बजे तमाम चिकित्सक अपने क्लीनिक, नर्सिंग होम व अस्पताल में कैंडल जलाएंगे। साथ ही 23 अप्रैल को काला बिल्ला लगाकर काला दिवस मनाएंगे।

डॉक्टरों की हिंसा रोकने को लागू हो कानून

इएमए रामगढ़ शाखा सचिव डॉ. स्वराज ने बताया कि आइएमए के देशव्यापी आंदोलन में रामगढ़ जिले के भी तमाम चिकित्सक आंदोलन में शामिल होंगे। आइएमए सचिव डॉ. स्वराज ने बताया कि कोरोना जंग में चिकित्सक सबसे अहम भूमिका अहम है। उनके साथ लगातार दुर्व्यवहार और हिंसा हो रही है। इससे नाराज देश के डॉक्टर हिंसा रोकने के लिए अध्यादेश के जरिए विशेष केंद्रीय कानून लागू करने की मांग की है।

काला बिल्ला लगा करेंगे प्रदर्शन

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो 22 अप्रैल वाइट अलर्ट घोषित किया गया है। सभी चिकित्सक अपने क्लीनिक, नर्सिंग होम, अस्पताल में 22 अप्रैल रात्रि नौ बजे  कैंडललाइट जलाकर विरोध जताना है। अगर केंद्र सरकार फिर भी केंद्रीय कानून लाने में विलंब करती है, तो 23 अप्रैल को सभी चिकित्सक काला बिल्ला लगाकर काला दिवस रूप में मनाया जाएगा और 23 अप्रैल को काला बिल्ला लगाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

कोडरमा में कैंडल जलाकर संपूर्ण राष्ट्र को सावधान करेंगे चिकित्सक

आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) एवं राज्य झासा (झारखंड  राज्य स्वास्थ्य  संघ) के आह्वान पर कोडरमा समेत झारखंड के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी चिकित्सक वैश्विक महामारी कोविड 19 संक्रमण की इस संकट की घडी में भी देश के विभिन्न जगहों पर चिकित्सकों के ऊपर हो रहे हमले की बढ़ती घटनाएं,कोरोना से चिकित्सकों की मृत्यु के पश्चात् उनके शवों के साथ अपमानजनक व्यवहार एवं आईएमए के लगातार मांग के बावजूद सरकार द्वारा इन घटनाओं को रोकने के लिए केंद्रीय कानून ऑर्डिनेंस नही लाने के विरोध में 22 अप्रैल को रात्रि 9 बजे सभी चिकित्सक एवं अस्पताल कर्मी एक मोमबत्ती जलाकर संपूर्ण राष्ट्र को सावधान(व्हाइट अलर्ट)करेंगे।

झासा के राज्य सचिव डॉ शरद व आईएमए कोडरमा के जिला सचिव डॉ सुजीत राज ने एक संयुक्त बयान जारी कर यह जानकारी दी। डॉक्टर द्वय ने कहा कि इसके बाद भी केंद्रीय कानून के लिए सरकार की तरफ से सार्थक प्रतिक्रिया न दिखाई देने पर सभी चिकित्सक 23 अप्रैल को काला पट्टी लगाकर कार्य स्थल पर काम करते हुए काला दिवस मनाएंगे। काला दिवस के बाद भी सरकार की रवैया अगर उदासीन रहा तो आगे की  जो भी रणनीति राष्ट्रिय स्तर पर तय होगा हम सभी उनके साथ मजबूती से खड़े रहेंगे। आईएमए एवं झासा कोडरमा ने सभी चिकित्सकों एवं चिकित्सीय संगठनों को इस संघर्ष में शामिल होने के लिए अपील की है।


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